×

बिहार विधानसभा चुनाव: बक्सर में एनडीए की चुनौती और महागठबंधन की स्थिति

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच बक्सर जिले की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा। एनडीए और महागठबंधन के बीच सीटों के बंटवारे की स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है। पिछले चुनावों में एनडीए का खाता नहीं खुला था, और अब देखना होगा कि क्या इस बार वह अपनी स्थिति में सुधार कर पाएगा या महागठबंधन की जीत का सिलसिला जारी रहेगा।
 

बिहार में चुनावी माहौल गरम

बक्सर जिले में इस बार कौन मारेगा बाजी

बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। चुनाव की तारीखें घोषित हो चुकी हैं, और मतदान दो चरणों में होगा। चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद, बिहार के प्रमुख राजनीतिक गठबंधनों में सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा तेज हो गई है। हालांकि, घटक दलों के बीच सीटों को लेकर स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है। महागठबंधन और एनडीए दोनों ही पक्षों में तनाव बना हुआ है, और अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान होगा। इन जिलों में चुनावी गतिविधियां बढ़ चुकी हैं, लेकिन प्रमुख पार्टियों ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। ऐसे में सीटों के आधार पर राजनीतिक स्थिति अभी भी अनिश्चित है। पहले चरण में जिन 18 जिलों में मतदान होना है, उनमें एक जिला ऐसा भी है जहां पिछले चुनाव में एनडीए का खाता नहीं खुला था।


बिहार के 18 जिलों में मुकाबला

18 जिलों में 6 जिलों में बराबरी का मुकाबला

उत्तर प्रदेश से सटे गोपालगंज, सीवान, बक्सर, सारण, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा, खगड़िया, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, नालंदा, पटना, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय और भोजपुर में पहले चरण के तहत मतदान होगा। 2020 के चुनावों के आधार पर महागठबंधन ने एनडीए से अधिक सीटें जीती थीं।

इन 18 जिलों में से 6 जिलों में महागठबंधन और एनडीए के बीच मुकाबला बराबरी का रहा, जबकि 6 जिलों में महागठबंधन ने जीत हासिल की थी। महागठबंधन ने बड़े जिलों में सफलता पाई, जबकि एनडीए ने छोटे जिलों में जीत दर्ज की। बक्सर एक ऐसा जिला है जहां एनडीए अपना खाता नहीं खोल सका था।


बक्सर में एनडीए की निराशा

बक्सर में NDA को मायूसी, बाजी मार ले गई कांग्रेस

बक्सर जिले में विधानसभा की चार सीटें हैं: बहरामपुर, बक्सर, डुमरांव और राजपुर। इनमें से एक भी सीट पर बीजेपी को जीत नहीं मिली। बहरामपुर पर आरजेडी ने जीत हासिल की, जबकि बक्सर से कांग्रेस के संजय कुमार तिवारी विजयी हुए। डुमरांव पर सीपीआई-एमएल-एल ने कब्जा किया, और राजपुर पर भी कांग्रेस ने जीत दर्ज की। इस प्रकार, कांग्रेस ने अन्य दलों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया।

दिलचस्प बात यह है कि एनडीए ने केवल बक्सर सीट पर अपना उम्मीदवार खड़ा किया था, जहां बीजेपी को 3,892 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। बहरामपुर पर विकासशील इंसान पार्टी ने उम्मीदवार खड़ा किया, जो तीसरे स्थान पर रही।


2015 के चुनावों में भी एनडीए को मिली थी हार

2015 के चुनाव में खाता नहीं खोल सका था NDA

2015 के चुनावों में भी एनडीए का खाता बक्सर में नहीं खुला था। बहरामपुर पर आरजेडी और बक्सर पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। डुमरांव और राजपुर पर जेडीयू ने जीत दर्ज की थी, जो उस समय महागठबंधन का हिस्सा थी। अब जेडीयू एनडीए के साथ है।

बक्सर जिले में चुनाव परिणामों के अनुसार, आरजेडी की अगुवाई वाला महागठबंधन मजबूत स्थिति में नजर आ रहा है। अब देखना होगा कि क्या एनडीए 10 साल से अधिक समय के बाद बक्सर में अपना खाता खोल पाता है या फिर महागठबंधन की जीत का सिलसिला जारी रहेगा।