बिहार विधानसभा चुनाव: क्या एनडीए 160 सीटों का आंकड़ा पार कर पाएगा?
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए का दावा
नीतीश कुमार और पीएम मोदी
बिहार विधानसभा में एनडीए 160 से अधिक सीटें जीतने का दावा कर रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक साक्षात्कार में कहा कि 14 नवंबर को चुनाव परिणाम आने पर एनडीए 160 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे गठबंधन की सभी पार्टियों का प्रदर्शन अच्छा रहेगा। इस दावे के बाद सवाल उठता है कि क्या एनडीए बिहार में अपने पिछले रिकॉर्ड को भी पार कर पाएगा।
नीतीश कुमार पिछले 20 वर्षों से बिहार की सत्ता में हैं और अधिकांश समय उन्होंने एनडीए के साथ ही रहकर चुनाव लड़ा है। 2015 का चुनाव छोड़कर, उन्होंने सभी चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर लड़े हैं। यह वही चुनाव था जिसमें नीतीश के साथ न रहने के कारण एनडीए को नुकसान हुआ था। उस चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को केवल 58 सीटों पर जीत मिली थी।
2015 में आरजेडी बनी थी सबसे बड़ी पार्टी
2015 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू और आरजेडी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में कांग्रेस भी उनके साथ थी। नीतीश के नेतृत्व में ये चुनाव लड़ा गया था। आरजेडी और जेडीयू ने 101 सीटों पर और कांग्रेस ने 42 सीटों पर चुनाव लड़ा था। एनडीए में बीजेपी, एलजेपी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और हम शामिल थे। बीजेपी ने 157 सीटों पर चुनाव लड़ा था। चुनाव परिणामों में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, जिसने 80 सीटों पर जीत हासिल की थी।
2010 में आया था एनडीए का पीक
बिहार में एनडीए का पीक 2010 में आया था। उस चुनाव में एनडीए ने 206 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जेडीयू ने 141 और बीजेपी ने 102 सीटों पर चुनाव लड़ा था। विपक्षी गठबंधन में आरजेडी ने 168 और एलजेपी ने 75 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
2005 में क्या थे नतीजे
2005 में बिहार में सत्ता परिवर्तन हुआ था। लालू राज का अंत हुआ और नीतीश कुमार सत्ता में आए। उस चुनाव में जेडीयू ने 139 और बीजेपी ने 102 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। नीतीश की पार्टी ने 88 और बीजेपी ने 55 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
2020 में बीजेपी बनी सबसे बड़ी पार्टी
2020 के चुनाव में नीतीश कुमार की जेडीयू ने 115 और बीजेपी ने 110 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इसमें बीजेपी ने 74 और जेडीयू ने 43 सीटों पर जीत हासिल की थी।