बिहार विधानसभा चुनाव: एनडीए ने बहुमत की ओर बढ़ते हुए महागठबंधन को दी चुनौती
एनडीए का मजबूत प्रदर्शन
बिहार में शुक्रवार को एनडीए अपने "160 पार" के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में अग्रसर दिखाई दे रहा था। प्रारंभिक रुझानों से यह स्पष्ट हुआ कि सत्तारूढ़ गठबंधन 243 सदस्यीय विधानसभा में 121 के बहुमत के आंकड़े को पार कर रहा है। इस बीच, तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन को अपनी स्थिति बनाए रखने में कठिनाई का सामना करना पड़ा।
महागठबंधन की कमजोर स्थिति
बिहार विधानसभा चुनाव के शुरुआती रुझानों में एनडीए ने बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है, जबकि महागठबंधन (राजद + कांग्रेस + वाम + सहयोगी) में कांग्रेस कमजोर कड़ी साबित हो रही है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस को इस चुनाव में झटका लगा है। राजद, जिसने पिछली विधानसभा में 114 सीटें जीती थीं, अब केवल 58 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जोरदार प्रचार किया था।
कांग्रेस की स्थिति
प्रारंभिक रुझानों के अनुसार, राजद के नेतृत्व वाला गठबंधन एनडीए की गति का मुकाबला करने में असफल हो रहा है। इंडिया टुडे के चुनावी डैशबोर्ड के अनुसार, महागठबंधन 243 में से 77 सीटों पर आगे है, जिसमें राजद 58, कांग्रेस केवल 14, भाकपा (माले) 1, वीआईपी 1 और भाकपा 1 सीट पर है। इसके विपरीत, एनडीए अपने "160 पार" लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
कांग्रेस का प्रदर्शन
तेजस्वी यादव का चुनाव प्रचार, जिसने सत्ता विरोधी भावना का लाभ उठाने का प्रयास किया, अब तक निर्णायक बढ़त हासिल करने में विफल रहा है। महागठबंधन का प्रदर्शन एक स्थायी समस्या को उजागर करता है - कांग्रेस की कमजोर स्थिति। 2020 के बिहार विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन केवल 19 पर जीत हासिल की।
भाकपा (माले) का प्रदर्शन
भाकपा (माले) ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा और 12 में से 16 सीटें जीतीं, जो कांग्रेस की तुलना में कहीं अधिक प्रभावी प्रदर्शन दर्शाता है। महागठबंधन 110 सीटों पर सिमट गया, जो एनडीए की 125 सीटों से पीछे है। यह चुनाव भी इसी रुझान को दर्शाता है। कांग्रेस 61 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, लेकिन केवल 14 पर आगे चल रही है, जो पार्टी की निर्णायक ताकत के रूप में उभरने में असमर्थता को दर्शाता है।
राजद की स्थिति
इस बीच, राजद महागठबंधन में अपनी बढ़त बनाए हुए है और प्रमुख सहयोगी के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है। प्रारंभिक रुझान कांग्रेस के लिए कठिन समय और बिहार की राजनीति में एनडीए की स्थिति के लगातार मजबूत होने का संकेत दे रहे हैं। मतगणना सुबह 8 बजे शुरू हुई और डाक मतपत्रों ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए को तुरंत बढ़त दिला दी।