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बिहार विधानसभा चुनाव: अंतिम चरण में 3.70 करोड़ मतदाता करेंगे मतदान

बिहार विधानसभा चुनाव का अंतिम चरण मंगलवार को होने जा रहा है, जिसमें 3.70 करोड़ मतदाता 122 सीटों पर 1302 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। चुनाव आयोग ने मतदान की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं, और सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। इस चरण में नीतीश कुमार के मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर है, साथ ही कई दलबदलू उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में हैं। जानें इस चुनाव में युवाओं की भूमिका और प्रमुख उम्मीदवारों के बारे में।
 

बिहार चुनाव की अंतिम चरण की तैयारियां पूरी

बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव का अंतिम चरण मंगलवार को आयोजित होगा। इस दौरान लगभग 3.70 करोड़ मतदाता 122 सीटों पर 1302 उम्मीदवारों के भाग्य का निर्धारण करेंगे। चुनाव आयोग ने मतदान की सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं। बिहार की सीमाओं पर सुरक्षा को भी बढ़ा दिया गया है। हाल ही में दिल्ली में हुए विस्फोट के बाद बिहार पुलिस भी सतर्क है। मतदान 45,399 केंद्रों पर होगा, जिनमें से 40,073 ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं।

अंतिम चरण के मतदान के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं, जिसमें चार लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। EVM की डिलीवरी भी कर दी गई है, और संवेदनशील बूथों पर सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया है। मतदान केंद्रों के आसपास सभी पीठासीन अधिकारी भी उत्साहित हैं।


नीतीश सरकार के मंत्रियों का भाग्य भी दांव पर

नीतीश सरकार आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों का होगा फैसला

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण में नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल के आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों के भाग्य का भी निर्णय होगा। जिन जिलों में मतदान होना है, उनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज शामिल हैं, जो नेपाल की सीमा से सटे हुए हैं। ये जिले सीमांचल क्षेत्र में आते हैं, जहां मुस्लिम आबादी का घनत्व अधिक है। इस चरण को सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। महागठबंधन अल्पसंख्यक समुदाय के समर्थन पर निर्भर है, जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) विपक्ष पर “घुसपैठियों की रक्षा” का आरोप लगा रहा है.


प्रमुख उम्मीदवारों की प्रतिष्ठा दांव पर

जदयू और बीजेपी के ये दो नेता क्या आठवीं बार जीत पाएंगे

अंतिम चरण के मतदान में प्रमुख उम्मीदवारों में जनता दल (यू) के वरिष्ठ नेता बिजेंद्र प्रसाद यादव शामिल हैं, जो सुपौल सीट से लगातार आठवीं बार जीतने का प्रयास कर रहे हैं। भाजपा के मंत्री प्रेम कुमार भी गया टाउन सीट से इसी तरह की कोशिश कर रहे हैं।

इन नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी

भाजपा की रेनू देवी, नीरेज कुमार सिंह बबलू और जद (यू) की लेशी सिंह, शीला मंडल और जामा खान की प्रतिष्ठा भी इस चुनाव में दांव पर है। भाजपा के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद कटिहार सीट से लगातार पांचवीं बार जीतने की कोशिश कर रहे हैं।


राजग के सहयोगी दलों की परीक्षा

‘हम’ और ‘रालोमो’ की भी परीक्षा

दूसरे चरण का चुनाव राजग के सहयोगी दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) की ताकत की भी परीक्षा है। दोनों दलों को छह-छह सीटें मिली हैं। ‘हम’ की सभी सीटों पर मतदान इसी चरण में होगा।


दलबदलू उम्मीदवारों की मौजूदगी

कई दलबदलू उम्मीदवार भी मैदान में

राज्य कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार राम आरक्षित सीट से लगातार दूसरी बार जीतने की कोशिश कर रहे हैं। कई दलबदलू उम्मीदवार भी चुनाव में शामिल हैं, जिनमें मोहानिया की विधायक संगीता कुमारी शामिल हैं, जो अब भाजपा से चुनाव लड़ रही हैं।


युवाओं की भूमिका

7.69 लाख युवा मतदाता निभाएंगे अहम भूमिका

दूसरे चरण के 3.7 करोड़ मतदाताओं में 1.75 करोड़ महिलाएं हैं। इनमें से 2.28 करोड़ मतदाता 30 से 60 वर्ष के बीच हैं, जबकि 18-19 वर्ष के युवा मतदाताओं की संख्या 7.69 लाख है। नवादा जिले की हिसुआ सीट में सबसे अधिक मतदाता हैं, जबकि अन्य सीटों पर भी कई उम्मीदवार मैदान में हैं। पहले चरण में 121 सीटों पर 65 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था, जो राज्य का अब तक का सबसे अधिक मतदान माना गया है।