बिहार विधानसभा चुनाव 2025: मतदान में ऐतिहासिक भागीदारी
बिहार चुनाव 2025 में रिकॉर्ड मतदान
Bihar Election 2025 SIR : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मतदाताओं की भागीदारी ने एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। यह पहली बार है कि पिछले 20 वर्षों में राज्य में SIR लागू होने के बाद इतना अधिक मतदान हुआ है, जिसने निर्वाचन आयोग के आत्मविश्वास को बढ़ाया है। आयोग अब अगले चरण में एक दर्जन अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR को लागू करने की योजना बना रहा है, जिनमें अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने वाले राज्य भी शामिल हैं।
विपक्ष के आरोपों का प्रभाव कम हुआ
मतदाताओं की इस भारी भागीदारी ने विपक्ष के वोट चोरी के आरोपों को कमजोर कर दिया है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर एक अभियान चलाया था, जिसमें राहुल गांधी ने राज्य में वोट अधिकार यात्रा का आयोजन किया। हालांकि, जनता ने इसे ज्यादा समर्थन नहीं दिया, जिसके परिणामस्वरूप कांग्रेस के उम्मीदवार केवल 6 सीटों पर जीत हासिल कर सके।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने विपक्षी दलों और एक्टिविस्टों की याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें बिहार में SIR को रोकने की मांग की गई थी। इन याचिकाओं में यह चिंता जताई गई थी कि इससे कमजोर वर्गों और अल्पसंख्यकों के मतदान अधिकार प्रभावित होंगे। लेकिन बिहार चुनाव में इन वर्गों की भागीदारी ने उनके तर्कों को और कमजोर कर दिया।
पीएम मोदी की सराहना, कोई पुनर्मतदान नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने विजय भाषण में बिहार के उच्च मतदान को निर्वाचन आयोग की एक बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि किसी भी मतदान केंद्र पर पुनर्मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी। पीएम मोदी ने निर्वाचन आयोग, चुनाव अधिकारियों, सुरक्षा बलों और मतदाताओं को इस सफलता के लिए बधाई दी। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के मतदाताओं, विशेषकर युवाओं ने SIR को गंभीरता से लिया है और लोकतंत्र की शुद्धता के लिए हर वोट की अहमियत है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने भी कहा कि मतदाताओं ने अपनी इच्छा से SIR में भाग लिया और सभी समय सीमाओं का पालन किया गया।