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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: मतदान की तारीखें और प्रमुख नेता

भारत के चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों की घोषणा की है। मतदान 6 और 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी। इस बार नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच मुख्य मुकाबला होने की संभावना है। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी चुनाव में शामिल हो रही है, लेकिन उनकी राजनीतिक प्रभावशीलता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। मतदान में भारी भागीदारी की उम्मीद है, जिससे यह चुनाव और भी दिलचस्प बन जाएगा।
 

बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा


भारत के चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है, जिससे 2025 का चुनाव चक्र समाप्त हो रहा है। राज्य की 243 सीटों के लिए मतदान दो चरणों में होगा, पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा 11 नवंबर को, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी।


मतदाता और प्रमुख राजनीतिक दल

विशेष निर्वाचन सूची के विवादास्पद संशोधन के बाद, 7.42 करोड़ मतदाता बचे हैं, जिनमें से 3.92 करोड़ पुरुष और 3.5 करोड़ महिलाएं हैं। चुनाव विशेषज्ञों का मानना है कि मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (यूनाइटेड) के सत्तारूढ़ गठबंधन और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) तथा कांग्रेस के महागठबंधन के बीच होगा।


राजनीतिक दिग्गजों की उपस्थिति

हालांकि राष्ट्रीय दलों के बड़े नेता बिहार में पहले से ही सक्रिय हैं, लेकिन मुख्य रूप से दो प्रमुख नेता चुनावी मैदान में हैं, जबकि एक संभावित अंधे घोड़े के रूप में भी कोई हो सकता है।


इनमें से एक हैं नीतीश कुमार, जो जनता दल (यूनाइटेड) के 74 वर्षीय नेता हैं और पिछले दो दशकों से बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं। भाजपा ने अभी तक कोई विकल्प नहीं पेश किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि नीतीश कुमार चुनावों में गठबंधन का नेतृत्व करेंगे।


तेजस्वी यादव की चुनौती

नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनने से रोकने की क्षमता रखने वाले एकमात्र अन्य नेता हैं तेजस्वी यादव, जो राजद के संस्थापक लालू प्रसाद यादव के बेटे हैं। 2020 के चुनावों में तेजस्वी के नेतृत्व में राजद ने 144 सीटों में से 75 सीटें जीती थीं, लेकिन सरकार बनाने में असफल रहे थे।


चुनाव में नई चुनौतियाँ

इस बार चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी चुनावी मैदान में है, लेकिन अधिकांश विश्लेषक उन्हें राजनीतिक रूप से प्रभावहीन मानते हैं।


हालांकि, चुनावी सर्वेक्षण पहले से ही अपने पूर्वानुमान प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसमें भाजपा-जनता दल (यूनाइटेड) को 49 प्रतिशत वोट शेयर और 150-160 सीटों के साथ बढ़त दिखाई गई है। लेकिन भारतीय मतदाता अक्सर आश्चर्यचकित कर देते हैं, इसलिए जल्दी भविष्यवाणी करना मूर्खता होगी।


भारी मतदान की उम्मीद

हालांकि, एक भविष्यवाणी यह है कि मतदान भारी होगा, और पर्यवेक्षकों को बिहार चुनावों में रिकॉर्ड संख्या की उम्मीद है।