बिहार विधानसभा चुनाव 2025: छपरा सीट पर खेसारी लाल यादव की चुनौती
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में छपरा सीट पर खेसारी लाल यादव की उम्मीदवारी ने चुनावी माहौल को गरमा दिया है। राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार के रूप में खेसारी की प्रतिष्ठा दांव पर है, क्योंकि भाजपा ने इस सीट पर लगातार जीत हासिल की है। जानें इस चुनाव में कौन-कौन से उम्मीदवार मैदान में हैं और खेसारी की राह कितनी कठिन हो सकती है।
Nov 1, 2025, 18:12 IST
छपरा सीट पर चुनावी हलचल
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में छपरा सीट पर सभी की नजरें हैं। यह सीट बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से एक प्रमुख सीट मानी जाती है। भोजपुरी सिनेमा के प्रसिद्ध गायक और अभिनेता खेसारी लाल यादव इस बार छपरा से चुनावी मैदान में हैं। उन्हें राष्ट्रीय जनता दल ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है। पहले पार्टी ने खेसारी की पत्नी को टिकट दिया था, लेकिन बाद में खेसारी को इस सीट से उम्मीदवार बनाया गया। अब उनका लक्ष्य भाजपा को हराना है, लेकिन यह कार्य आसान नहीं होगा।
भाजपा का मजबूत किला
छपरा विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा 2010 से लगातार बना हुआ है। 2020 में भाजपा के उम्मीदवार सीएन गुप्ता ने आरजेडी के प्रत्याशी को हराया था। इस बार भाजपा ने छोटी कुमारी पर भरोसा जताया है, जो एक स्थानीय भाजपा नेता हैं। वहीं, जनसुराज ने जय प्रकाश सिंह को मैदान में उतारा है। छपरा सीट पर पहले चरण की वोटिंग 06 नवंबर 2025 को होगी, जबकि वोटों की गिनती 14 नवंबर 2025 को की जाएगी।
10 उम्मीदवारों की प्रतिस्पर्धा
इस सीट पर कुल 10 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। भाजपा, आरजेडी और जनसुराज के अलावा भारतीय लोक चेतना पार्टी, आजाद समाज पार्टी और भारतीय एकता दल ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं। इसके साथ ही चार निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं। हालांकि, असली मुकाबला आरजेडी और भाजपा के बीच होगा, लेकिन जनसुराज भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकती है।
खेसारी की प्रतिष्ठा दांव पर
आरजेडी के उम्मीदवार के रूप में खेसारी लाल यादव इस सीट पर एक प्रमुख चेहरा हैं। इस बार उनकी प्रतिष्ठा दांव पर है, क्योंकि पिछले दो चुनावों में भाजपा ने जीत हासिल की है। इस बार भाजपा ने स्थानीय नेता को टिकट देकर रणनीति में बदलाव किया है, जिससे खेसारी की राह कठिन हो सकती है। 2015 और 2020 में यहां कड़ी प्रतिस्पर्धा हुई थी, लेकिन भाजपा के सीएन गुप्ता और आरजेडी के रणधीर कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी। खेसारी की लोकप्रियता उन्हें चुनाव में जीत दिला सकती है।