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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: एनडीए की वापसी की तैयारी में जुटे नेता

बिहार में 2025 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन ने एनडीए की वापसी का दावा किया है, जबकि मतदान की तारीखें भी घोषित की गई हैं। जानें इस चुनावी माहौल में प्रमुख नेताओं के बयान और रणनीतियाँ।
 

बिहार में चुनावी हलचल तेज

बिहार में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों के साथ राजनीतिक गतिविधियाँ बढ़ने लगी हैं। केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन (ललन) सिंह ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सत्ता में लौटने के लिए तैयार है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए, रंजन ने कहा कि चुनाव की तारीखों की घोषणा होना एक सकारात्मक संकेत है। उन्होंने कहा, "हम इसका इंतज़ार कर रहे थे। 14 नवंबर को नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में एनडीए की सरकार फिर से बनेगी।"


मतदान की तारीखें और राजनीतिक बयान

बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए मतदान दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए, सिंह ने उनके मुख्यमंत्री बनने के दावों की तुलना मुंगरीलाल के सपनों से की। उन्होंने कहा, "सपने देखने का अधिकार सभी को है, लेकिन बिहार की जनता ने उनके माता-पिता के शासन और उसके बाद के 15 वर्षों को देखा है। अब वे गुमराह नहीं होंगे।"


जेडीयू और भाजपा की स्थिति

जेडीयू नेता खालिद अनवर ने कहा कि बिहार की जनता तैयार है और यह एक लोकतांत्रिक राज्य है। जनता उस पार्टी के साथ जा रही है जो ईमानदार है और जिसने बिहार के विकास में योगदान दिया है। एनडीए में सब कुछ ठीक है और हम मजबूती से चुनाव लड़ेंगे। इसी बीच, छत्तीसगढ़ की भाजपा विधायक भावना बोहरा ने कहा कि राज्य की जनता 14 नवंबर को "इतिहास रचेगी", क्योंकि एनडीए की सरकार बनने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, "बिहार में एनडीए ने लगातार अच्छा काम किया है। चाहे महिला सुरक्षा हो, युवाओं की भलाई हो या किसान सम्मान निधि, 14 नवंबर को एक बार फिर एनडीए की सरकार बनेगी।"


चुनाव आयोग की घोषणा

सोमवार को चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की। 243 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होगा और मतगणना 14 नवंबर को होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने पूरे देश में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कराने का निर्णय लिया है।