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बिहार में सोते समय 12 वर्षीय बच्चे की हत्या, पिता गंभीर रूप से घायल

बिहार के अररिया जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना में, अज्ञात हमलावरों ने एक व्यक्ति पर गोलीबारी की, जिससे उसके 12 वर्षीय बेटे की मौत हो गई और पिता गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना रविवार को हुई, जब दोनों सो रहे थे। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन हमले के पीछे का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है। स्थानीय निवासियों ने पुलिस की कार्रवाई में देरी को लेकर नाराजगी व्यक्त की है।
 

घटना का विवरण

एक चौंकाने वाली घटना में, अज्ञात हमलावरों ने एक व्यक्ति पर गोली चलाई और उसके 12 वर्षीय बेटे की हत्या कर दी, जब वे अपने घर के बरामदे में सो रहे थे। यह घटना रविवार को बिहार के अररिया जिले के महलगंज क्षेत्र में हुई। छोटे लड़के की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसके पिता गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें पूर्णिया के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। पीड़ितों की पहचान मौजासिन (40) और उनके बेटे अबू औरेरा (12) के रूप में हुई है।


पुलिस की रिपोर्ट

पुलिस के अनुसार, यह घटना 6 जुलाई को रात 12:30 बजे महलगंज पुलिस थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 9 के ककोरवा में हुई। हमलावरों ने उनके घर में प्रवेश किया और गोलीबारी शुरू कर दी। 12 वर्षीय बच्चे को सिर में गोली लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसके पिता को हाथ में गोली लगी।


घायल को अररिया सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया और फिर उन्हें पूर्णिया सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया। हालांकि, परिवार ने उनकी चोटों की गंभीरता के कारण उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने का निर्णय लिया।


पुलिस का बयान

महलगंज के SHO राजेश कुमार ने सूचना मिलने पर पुलिस की गश्ती टीम के साथ मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। सदर उप-डिवीजनल पुलिस अधिकारी (SDPO) रामपुकार सिंह ने कहा कि हमले के पीछे का मकसद स्पष्ट नहीं है और आगे की जांच जारी है।


SDPO सिंह ने कहा, "हमले का कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है। जब घायल पिता स्थिर हो जाएंगे और बयान दे सकेंगे, तो हमें अधिक स्पष्टता मिलेगी। जांच में वैज्ञानिक और तकनीकी विधियों का उपयोग किया जा रहा है, और हमें विश्वास है कि अपराधियों को जल्द ही पकड़ा जाएगा।"


स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया

इस बीच, स्थानीय निवासियों ने पुलिस की कार्रवाई में देरी को लेकर निराशा व्यक्त की। उन्होंने आरोप लगाया कि एक घंटे से अधिक समय तक पुलिस स्टेशन को बार-बार कॉल करने के बावजूद कोई अधिकारी प्रतिक्रिया नहीं दिया। केवल एक महिला अधिकारी से संपर्क करने के बाद उन्हें गश्ती इकाई का संपर्क नंबर मिला और जांच शुरू हुई।