बिहार में सनातन महाकुंभ: धर्मगुरु धीरेंद्र शास्त्री का एकजुटता का संदेश
बिहार में हाल ही में आयोजित सनातन महाकुंभ में धर्मगुरु धीरेंद्र शास्त्री ने जाति-पाति से ऊपर उठकर एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म पर किसी भी हमले का कड़ा जवाब देंगे और सभी हिंदुओं को एकजुट रहने की आवश्यकता है। इस कार्यक्रम में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया, जिसमें कई प्रमुख नेता भी शामिल थे। शास्त्री ने राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को खारिज करते हुए 'रामनीति' के लिए आने की बात कही। जानें इस महाकुंभ की और भी खास बातें।
Jul 7, 2025, 12:22 IST
बिहार में सियासी हलचल के बीच सनातन महाकुंभ
बिहार में चुनावों से पहले राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। इसी संदर्भ में रविवार को पटना में सनातन महाकुंभ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर धर्मगुरु धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि उनका एकमात्र सपना 'भगवा-ए-हिंद' है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे हिंदू धर्म पर किसी भी प्रकार के हमले का कड़ा जवाब देंगे। महाकुंभ में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, शास्त्री ने जाति-पाति से ऊपर उठकर एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वे किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं हैं, चाहे वह इस्लाम हो या ईसाई धर्म, लेकिन उन्हें उन हिंदुओं से समस्या है जो जाति के आधार पर लोगों को धर्म के भीतर बांटते हैं।
धीरेंद्र शास्त्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि सभी हिंदू एक समान हैं और उन्हें आपस में लड़ने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि एक पिता के चार बच्चे हैं, तो क्या उनमें से कोई भी अप्रिय हो सकता है? सभी बच्चे प्यारे होते हैं। हम सभी हिंदू हैं, हमें एकजुट रहना चाहिए। शास्त्री ने कहा, 'हम यहां राजनीति के लिए नहीं, बल्कि रामनीति के लिए हैं।' उन्होंने राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे बिहार में राजनीति करने नहीं आए हैं, बल्कि 'रामनीति' के लिए आए हैं।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इस महाकुंभ में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता अश्विनी चौबे भी शामिल थे। बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और आचार्य धीरेंद्र शास्त्री भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। शास्त्री ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, 'अगर भारत हिंदू राष्ट्र बनता है, तो सबसे पहला राज्य बिहार होगा।' जातिगत भेदभाव पर प्रहार करते हुए उन्होंने बिहार के लोगों से कहा, 'बिहार के मूर्खों, एक बात याद रखो, हम सब हिंदू हैं और इसीलिए हम इस सनातन उत्सव में यहां हैं।'
अपने भाषण में उन्होंने 'गजवा-ए-हिंद' स्थापित करने की कोशिश कर रही ताकतों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा, 'कुछ लोग तिरंगे पर अर्धचंद्र चाहते हैं, लेकिन हम चाँद पर तिरंगा चाहते हैं।' शास्त्री ने गांधी मैदान में भविष्य के प्रवचन और चुनाव के बाद बिहार में पदयात्रा आयोजित करने की योजना की भी घोषणा की। महाकुंभ को कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित किया गया, जिसमें भारत भर से हजारों लोग शामिल हुए और भजन संध्या, मंत्रोच्चार, संत समागम और हवन अनुष्ठानों में भाग लिया।