बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले कानून व्यवस्था पर बढ़ी सियासत
बिहार में विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच, विपक्ष ने एनडीए सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर तीखा हमला किया है। राहुल गांधी ने बिहार को 'क्राइम कैपिटल ऑफ इंडिया' बताते हुए सरकार की आलोचना की है। हाल की हत्याओं ने राज्य में चिंता बढ़ा दी है, और पुलिस ने अवैध हथियारों की उपलब्धता को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा जा रहा है और चुनावी माहौल में क्या बदलाव आ रहे हैं।
Jul 14, 2025, 15:26 IST
बिहार में चुनावी माहौल और कानून व्यवस्था की स्थिति
बिहार में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। विपक्ष ने एनडीए सरकार पर कानून व्यवस्था और मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को लेकर लगातार हमले किए हैं। इस बीच, राहुल गांधी ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार अब 'क्राइम कैपिटल ऑफ इंडिया' बन गया है, जहां हर गली में डर और हर घर में बेचैनी है। उन्होंने आरोप लगाया कि गुंडा राज बेरोजगार युवाओं को हत्यारा बना रहा है।
राहुल ने नीतीश कुमार पर भी हमला करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं, जबकि भाजपा के मंत्री कमीशन कमा रहे हैं। उन्होंने दोहराया कि इस बार वोट केवल सरकार बदलने के लिए नहीं, बल्कि बिहार को बचाने के लिए है। व्यापारियों, राजनेताओं, वकीलों, शिक्षकों और आम नागरिकों की हत्याओं ने बिहार की कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंताएँ पैदा कर दी हैं। पुलिस ने इन घटनाओं के लिए अवैध हथियारों और गोला-बारूद की उपलब्धता को जिम्मेदार ठहराया है।
पिछले 10 दिनों में, व्यवसायी गोपाल खेमका, भाजपा नेता सुरेंद्र कुमार, एक 60 वर्षीय महिला, एक दुकानदार, एक वकील और एक शिक्षक सहित कई लोगों की हत्याओं ने चुनाव से पहले बिहार को हिला दिया है। राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से जून के बीच हर महीने औसतन 229 हत्याएँ हुईं, जिससे कुल 1,376 हत्या के मामले दर्ज किए गए। 2024 में यह संख्या 2,786 और 2023 में 2,863 थी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अवैध रूप से निर्मित या बिना लाइसेंस के खरीदे गए आग्नेयास्त्रों की उपलब्धता ने हाल में हिंसक अपराधों में वृद्धि की है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, बिहार लगातार हिंसक अपराधों के मामले में शीर्ष पांच राज्यों में शामिल रहा है। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, राज्य ने 2017, 2018, 2020 और 2022 में हिंसक अपराध दर में दूसरे स्थान पर रहा है। पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने कहा कि अधिकांश हत्याओं के पीछे जमीन विवाद और संपत्ति के मामले मुख्य कारण हैं। ऐसे मामलों में पुलिस की भूमिका सीमित होती है और यह अपराध होने के बाद शुरू होती है। हमारे बल ने अपराध का पता लगाने में 100 प्रतिशत की दर हासिल की है।