बिहार में महिलाओं के सशक्तिकरण की नई पहल: संपत्ति निबंधन में अभूतपूर्व वृद्धि
महिलाओं और लड़कियों का सशक्तिकरण
बिहार में महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। पिछले पांच वर्षों (2020-2025) में 23,29,869 महिलाओं और लड़कियों के नाम पर अचल संपत्तियों का निबंधन किया गया है, जिसमें 29,879 नाबालिग लड़कियां भी शामिल हैं। यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता का अनुभव भी करा रही है।
आंकड़ों की जानकारी
मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इन संपत्तियों में मुख्य रूप से जमीन, मकान और फ्लैट शामिल हैं। इस प्रक्रिया से सरकार को 333.52 अरब रुपये स्टाम्प ड्यूटी और 21.31 अरब रुपये से अधिक निबंधन शुल्क प्राप्त हुआ है।
साल-दर-साल बढ़ता सशक्तिकरण
महिलाओं और लड़कियों के नाम पर संपत्ति निबंधन की संख्या में हर साल वृद्धि देखी गई है।
• 2020-21: इस वर्ष 3,37,850 महिलाओं और लड़कियों के नाम पर संपत्ति निबंधन हुआ, जिसमें 5,332 नाबालिग लड़कियां थीं।
• 2021-22: 4,15,653 महिलाओं और लड़कियों के नाम पर संपत्ति दर्ज हुई, जिसमें 6,044 नाबालिग थीं।
• 2022-23: 5,24,439 महिलाओं और लड़कियों के नाम पर संपत्ति दर्ज की गई, जिसमें 7,051 नाबालिग थीं।
• 2023-24: इस वर्ष 4,68,770 महिलाओं और लड़कियों के नाम पर अचल संपत्ति निबंधित हुई, जिसमें 5,809 नाबालिग थीं।
• 2024-25: रिकॉर्ड 5,83,157 महिलाओं और लड़कियों के नाम पर संपत्ति निबंधन हुआ, जिसमें 5,643 नाबालिग थीं।
संपत्ति की प्रकृति
इन पांच वर्षों में सबसे अधिक निबंधन जमीन का हुआ है। इसके बाद जमीन के साथ मकान, मकान और फ्लैट का निबंधन किया गया है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाओं में संपत्ति के प्रति रुझान बढ़ा है। महिलाओं के नाम पर संपत्ति निबंधन होने से उन्हें वित्तीय स्वतंत्रता और सुरक्षा का अनुभव होता है।
महिलाओं के लिए संपत्ति निबंधन के लाभ
सरकार द्वारा स्टाम्प ड्यूटी और प्रॉपर्टी टैक्स में दी जा रही छूट महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित कर रही है। महिलाओं के नाम पर निबंधन कराने पर 8 प्रतिशत के स्थान पर 7.6 प्रतिशत निबंधन शुल्क लगता है।