बिहार में पपीता विकास योजना का ऐलान, किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ
बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने पपीता विकास योजना की घोषणा की है, जो 2025-26 से 2026-27 तक लागू होगी। इस योजना के तहत किसानों को 1 करोड़ 50 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा, जिससे पपीते की खेती में वृद्धि होगी। योजना का उद्देश्य उत्पादन और उत्पादकता में सुधार करना है। किसानों को प्रति हेक्टेयर 75 हजार रुपये की लागत पर अनुदान दिया जाएगा, जिससे उनकी आय में सुधार होगा। योजना का लाभ 22 जिलों के किसानों को मिलेगा।
Sep 8, 2025, 19:53 IST
बिहार में पपीता विकास योजना की घोषणा
बिहार के उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एम॰आई॰डी॰एच॰) के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2026-27 तक पपीता विकास योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना की कुल लागत 1 करोड़ 50 लाख 75 हजार रुपये निर्धारित की गई है। पहले वर्ष में 90 लाख 45 हजार रुपये की निकासी और व्यय की स्वीकृति दी गई है।
सिन्हा ने कहा कि यह योजना केंद्र द्वारा प्रायोजित है, जिसमें केंद्र और राज्य का योगदान 40-40 प्रतिशत है। इसके अतिरिक्त, राज्य योजना मद से 20 प्रतिशत का टॉप-अप भी प्रदान किया जाएगा, जिससे किसानों को अधिक लाभ होगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पपीते की खेती का विस्तार करना, उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि करना और किसानों की आय में सुधार करना है।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि पपीता क्षेत्र विस्तार योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली अनुदान राशि का वितरण दो वर्षों में 60:40 के अनुपात में किया जाएगा। इस योजना में पपीते की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 75 हजार रुपये की लागत प्रस्तावित की गई है। पपीता उत्पादन के लिए 2.2 मीटर की दूरी पर पौधे लगाने की व्यवस्था की गई है, जिससे प्रति हेक्टेयर लगभग 2500 पौधों की आवश्यकता होगी।
उन्होंने आगे कहा कि प्रति हेक्टेयर 75 हजार रुपये की इकाई लागत पर भारत सरकार की दिशा-निर्देशों के अनुसार 40 प्रतिशत अनुदान और राज्य योजना से 20 प्रतिशत टॉप-अप के साथ कुल 60 प्रतिशत अर्थात् 45 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान किसानों को दिया जाएगा। यह राशि दो किस्तों में वितरित की जाएगी, जिसमें पहली किस्त 27 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर और दूसरी किस्त 18 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर होगी।
सिन्हा ने बताया कि इस योजना का कार्यान्वयन राज्य के 22 जिलों में किया जाएगा, जिनमें भोजपुर, बक्सर, गोपालगंज, जहानाबाद, लखीसराय, मधेपुरा, बेगूसराय, भागलपुर, दरभंगा, गया, कटिहार, खगड़िया, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पश्चिम चंपारण, पटना, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, सहरसा, समस्तीपुर, मधुबनी और वैशाली शामिल हैं। किसानों को न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हेक्टेयर) से लेकर अधिकतम 5 एकड़ (2 हेक्टेयर) तक योजना का लाभ मिलेगा। उप मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि पपीता विकास योजना के सफल कार्यान्वयन से राज्य में बागवानी क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी, जिससे उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि होगी और किसानों की आमदनी में सुधार होगा।