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बिहार में पति का अनोखा बंटवारा: दो पत्नियों के बीच हुआ समझौता

बिहार के पूर्णिया जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां दो पत्नियों ने अपने पति का बंटवारा किया है। यह घटना परिवार परामर्श केंद्र द्वारा की गई है, और दोनों पत्नियों ने इस निर्णय को स्वीकार किया है। जानें इस अजीबोगरीब मामले की पूरी कहानी और कैसे पति को दोनों पत्नियों के बीच बांटा गया।
 

पति के बंटवारे की अनोखी कहानी

जब भी बंटवारे की चर्चा होती है, तो आमतौर पर संपत्ति या अन्य चीजों का बंटवारा ही सुनने को मिलता है। लेकिन क्या आपने कभी पति के बंटवारे की बात सुनी है? यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन बिहार में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। यहां दो पत्नियों ने अपने पति का बंटवारा कर लिया है, और यह सब आपसी सहमति से हुआ है। आइए जानते हैं इस अनोखे मामले की पूरी कहानी।


पूर्णिया का अनोखा मामला


यह दिलचस्प घटना बिहार के पूर्णिया जिले से आई है। यहां दो महिलाओं ने मिलकर अपने पति का बंटवारा किया है, जिससे पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह बंटवारा परिवार परामर्श केंद्र द्वारा किया गया है।



यह मामला भवानीपुर थाने के गोडियारी इलाके का है। एक महिला ने शिकायत की थी कि उसके पति की पहले से शादी हो चुकी थी और उसके छह बच्चे भी हैं। इसके बावजूद, उसने झूठ बोलकर उससे शादी की।


पति का साथ नहीं रखना चाहता था


महिला का आरोप है कि शादी के बाद उसका पति उसे अपने साथ नहीं रखना चाहता। वह उसे केवल इस्तेमाल करके अलग करने की योजना बना रहा है। वहीं, पति की पहली पत्नी भी उसे छोड़ने को तैयार नहीं है और वह अपने पति के साथ रहना चाहती है।


दोनों पत्नियों की जिद को सुनकर परिवार परामर्श केंद्र के अधिकारी भी हैरान रह गए। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि इस समस्या का समाधान कैसे किया जाए। अंततः, केंद्र ने एक अनोखा निर्णय लिया, जिसे दोनों पत्नियों ने स्वीकार कर लिया।


पति का बंटवारा कैसे हुआ


अब हम बताते हैं कि पति का बंटवारा कैसे हुआ। केंद्र के निर्णय के अनुसार, पति को अपनी दोनों पत्नियों को साथ रखना होगा। इसके अलावा, उसे उनके खाने-पीने और अन्य जरूरतों का ध्यान रखना होगा। पति को दोनों पत्नियों को अलग-अलग घरों में रखना होगा।


परिवार परामर्श केंद्र के फैसले के अनुसार, पति को पहली पत्नी के साथ 15 दिन बिताने होंगे, और फिर दूसरी पत्नी के साथ भी 15 दिन। केंद्र ने तीनों से एक बॉंड भी भरवाया है ताकि भविष्य में कोई भी अपने वादे से मुकर न सके।