बिहार में नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में परिवारवाद का आरोप, दीपक प्रकाश की नियुक्ति पर उठे सवाल
बिहार में नई सरकार का गठन
बिहार सरकार में मंत्री दीपक प्रकाश
बिहार में 20 नवंबर को नई सरकार का गठन हुआ है, जिसमें नीतीश कुमार ने 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ 26 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली। इस दौरान उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश की नियुक्ति ने सबको चौंका दिया, क्योंकि वे विधायक नहीं हैं। विपक्ष ने इस नियुक्ति को परिवारवाद का उदाहरण बताया है। जब दीपक प्रकाश से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उनके पिता ही बताएंगे कि उन्हें मंत्री क्यों बनाया गया है। आरजेडी ने वंशवाद के आरोप में मंत्रियों की एक सूची भी जारी की है।
दीपक प्रकाश की मंत्री पद पर नियुक्ति
दीपक प्रकाश, जो कंप्यूटर इंजीनियरिंग में स्नातक हैं, वर्तमान में किसी विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य नहीं हैं। उन्हें मंत्री बनने के लिए 6 महीने के भीतर किसी सदन का सदस्य बनना होगा, अन्यथा उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ेगा।
आरजेडी की वंशवाद पर प्रतिक्रिया
पापा बताएंगे मंत्री क्यों बनाया? – दीपक प्रकाश
पटना में शपथ ग्रहण के बाद से सवाल उठ रहे हैं कि दीपक प्रकाश को मंत्री क्यों बनाया गया, जबकि कई चुने हुए विधायकों में वे कम योग्य हैं। दीपक ने कहा कि उन्हें मंत्री बनने की जानकारी शपथ ग्रहण से कुछ समय पहले ही मिली थी।
आरजेडी ने जारी की नीतीश के वंशवाद वाले मंत्रियों की लिस्ट
आरजेडी ने वंशवाद के आरोप में 10 नेताओं की सूची जारी की है, जिसमें जीतन राम मांझी, शकुनी चौधरी, उपेंद्र कुशवाहा, दिग्विजय सिंह और कैप्टन जय नारायण निषाद जैसे नाम शामिल हैं।
कुशवाहा की नाराजगी और दीपक की नियुक्ति
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर घमासान मचा था। उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी नाराजगी सोशल मीडिया पर जाहिर की थी। चुनाव परिणाम के बाद उनके बेटे को मंत्री बनाकर उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश की गई है।
दीपक प्रकाश का परिचय
कौन हैं दीपक प्रकाश
दीपक प्रकाश उपेंद्र कुशवाहा के बेटे हैं, जिन्होंने हाल ही में विदेश से पढ़ाई पूरी की है। उनका जन्म 1989 में हुआ और उन्होंने 2011 में सिक्किम मणिपाल से बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। वे 2019 में सक्रिय राजनीति में शामिल हुए।