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बिहार में जीएसटी में बदलाव: टैक्स स्लैब घटाए गए, आम जनता को मिलेगी राहत

बिहार में जीएसटी काउंसिल ने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की सिफारिशों को मानते हुए टैक्स स्लैब में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब रोटी, पराठे और अन्य आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स में कमी की गई है, जिससे गरीब और मध्यवर्गीय परिवारों को राहत मिलेगी। इस निर्णय का उद्देश्य बुनियादी जरूरतों की चीजों को सस्ता करना है। जानें इस ऐतिहासिक फैसले के पीछे की कहानी और इसके प्रभाव।
 

बिहार में जीएसटी काउंसिल का ऐतिहासिक फैसला

बिहार चुनाव से पहले, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की सिफारिशों को मानते हुए जीएसटी काउंसिल ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस निर्णय के तहत, जीएसटी टैक्स स्लैब को घटाकर केवल 12% और 5% तक सीमित कर दिया गया है, जबकि कई आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।


रोटी और पराठे अब टैक्स फ्री

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी प्राथमिकता बिहार की जनता है। इस निर्णय से गरीब और मध्यवर्गीय परिवारों पर टैक्स का बोझ कम होगा। रोटी, तेल, नमकीन, टेक्सटाइल, हैंडपंप, ट्रैक्टर, खेल सामग्री, फुटवियर और निर्माण सामग्री पर टैक्स में कमी की गई है। अब रोटी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, जबकि पहले पराठे पर 18% तक टैक्स देना पड़ता था।


बेसिक जरूरतों पर ध्यान

सम्राट चौधरी ने बताया कि इस बदलाव में यह सुनिश्चित किया गया है कि बुनियादी जरूरतों की चीजों पर न्यूनतम टैक्स हो। इस फैसले के तहत किताबें, कॉपियां, दूध की बोतलें, नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक सामान और रोजगार से जुड़ी वस्तुएं अब सस्ती होंगी। स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर भी जीएसटी को शून्य कर दिया गया है।


गरीबों और किसानों को मिलेगी राहत

सम्राट चौधरी ने कहा कि यह बदलाव गरीबों, किसानों और आम जनता के हित में किया गया है। बिहार ने इस ऐतिहासिक निर्णय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जब देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, तो बिहार का योगदान भी महत्वपूर्ण रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया, यह कहते हुए कि यह निर्णय प्रधानमंत्री के विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की दिशा में एक ठोस कदम है।


विपक्ष पर कटाक्ष

सम्राट चौधरी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि लालू प्रसाद यादव को अर्थव्यवस्था की सही समझ होती, तो बिहार की स्थिति अलग होती। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के सुझावों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलने से राज्य का गौरव बढ़ा है।


बिहार की जनता के लिए क्या मायने रखता है?

अब रोजमर्रा की आवश्यक चीजें सस्ती होंगी।


किसानों को मशीनरी और हैंडपंप की कीमतें कम होंगी।


छात्रों को किताबें और कॉपियों की लागत में कमी आएगी।


परिवारों के लिए स्वास्थ्य और जीवन बीमा भी सस्ता होगा।


निर्माण सामग्री की कीमतें घटने से घर बनाने का सपना साकार होगा।