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बिहार में छात्रों का प्रदर्शन: निवास नीति की मांग

बिहार की राजधानी पटना में सैकड़ों छात्रों ने निवास नीति की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि राज्य में बेरोजगारी बढ़ रही है और पलायन हो रहा है। उन्होंने सरकार से निवास नीति लागू करने की मांग की है, जिससे स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता मिले। प्रदर्शन के दौरान छात्रों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। छात्र नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे एक बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे। जानें इस आंदोलन के पीछे की पूरी कहानी।
 

बिहार में छात्रों का बड़ा प्रदर्शन

गुरुवार को राज्य की राजधानी पटना में सैकड़ों छात्रों ने सरकारी भर्ती के लिए निवास नीति की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि बिहार कई अन्य राज्यों जैसे झारखंड, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से पीछे है, जहां पहले से ही ऐसी नीतियाँ लागू हैं, जो स्थानीय उम्मीदवारों को प्राथमिकता देती हैं।


प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि निवास नीति की कमी के कारण राज्य में बेरोजगारी बढ़ रही है और युवा पलायन कर रहे हैं। सुबह-सुबह बड़ी संख्या में छात्र पटना के केंद्रीय हिस्से में मार्च करते हुए नारेबाजी करने लगे और सड़कों को अवरुद्ध कर दिया।


जब सुरक्षा बलों ने छात्रों को कुछ क्षेत्रों में प्रवेश से रोकने की कोशिश की, तो छात्रों और पुलिस के बीच थोड़ी झड़प हो गई। यह क्षेत्र मुख्यमंत्री के निवास के निकट था, जहां उन्हें प्रदर्शन करने से रोका गया था।


संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई और भीड़ को रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाए गए। छात्र नेताओं ने कहा कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा, लेकिन चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन एक अलग स्तर पर पहुंच सकता है।


प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि सरकार राज्य सरकार की नौकरी भर्ती में निवास नीति को लागू करने के लिए हर संभव प्रयास करे, स्थानीय निवास प्रमाण पत्र वाले उम्मीदवारों को प्राथमिकता दे, और बेरोजगारी तथा पलायन के मुद्दों का समाधान करे।


प्रदर्शनकारियों ने नीतीश कुमार सरकार पर स्थानीय युवाओं की समस्याओं के प्रति उदासीनता का आरोप लगाया और उनके अवसरों और रोजगार के अधिकारों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि यदि राज्य सरकार निवास नीति लागू नहीं करती है, तो वे आगामी चुनाव का बहिष्कार करेंगे।


प्रदर्शनकारी समूहों ने मुख्यमंत्री के निवास को घेरने और अगले कुछ दिनों में प्रदर्शन जारी रखने का संकल्प लिया। छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा, "यह केवल एक प्रदर्शन नहीं है, बल्कि बिहार के युवाओं के लिए न्याय की पुकार है। यदि हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो हम राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे।"


इस प्रदर्शन ने शहर के कुछ हिस्सों में तनाव पैदा कर दिया और यह उस दिन हुआ जब पूरा देश "सम्पूर्ण क्रांति दिवस" को याद करता है। हालांकि, सरकारी अधिकारियों की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि प्रशासन इस मामले से निपटने के लिए चर्चा कर रहा है।