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बिहार में चुनाव आयोग का दौरा: मतदान की तैयारियों की समीक्षा

चुनाव आयोग का दल जल्द ही बिहार का दौरा करेगा, जो अक्टूबर के पहले सप्ताह में मतदान की तारीखों की घोषणा से पहले होगा। इस दौरे का उद्देश्य मतदाता सूची प्रक्रिया की समीक्षा करना है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में आयोग के अधिकारी चुनावी तैयारियों का जायजा लेंगे। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है, जिससे नए चुनाव और शपथ ग्रहण की आवश्यकता है। 2025 का चुनाव भाजपा और महागठबंधन के बीच प्रतिस्पर्धा का सामना करेगा।
 

चुनाव आयोग का बिहार दौरा

चुनाव आयोग का एक दल जल्द ही बिहार का दौरा करने की योजना बना रहा है। यह दौरा अक्टूबर के पहले सप्ताह में मतदान की तारीखों की घोषणा से पहले होगा। आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले तैयारियों का जायजा लेने के लिए आयोग का दल आमतौर पर चुनावी राज्यों का दौरा करता है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और अन्य चुनाव आयुक्तों के इस दौरे का नेतृत्व करने की संभावना है, जो 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ शुरू हो सकता है। यह सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के तहत तैयार की जा रही है, जो उसी दिन समाप्त होगी।


 


बिहार में चुनावी प्रक्रिया की तैयारी


बिहार के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि आयोग का यह दौरा मतदाता सूची प्रक्रिया के पूरा होने के बाद होगा। यह दौरा सुप्रीम कोर्ट में 7 अक्टूबर को एसआईआर अभ्यास की वैधता पर अंतिम दलीलें सुनने से कुछ दिन पहले हो रहा है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने पहले ही कहा है कि वे मानते हैं कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक प्राधिकारी के रूप में कानून का पालन कर रहा है, हालांकि उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि संशोधन अवैध पाया गया तो उसे रद्द किया जा सकता है।


 


बिहार विधानसभा चुनाव की समयसीमा


वर्तमान बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है, जिसका अर्थ है कि नए सदन का चुनाव और शपथ ग्रहण उससे पहले होना आवश्यक है। 2025 का बिहार चुनाव भाजपा और उसकी सहयोगी जद(यू) तथा कांग्रेस और राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच प्रतिस्पर्धा का रूप लेता दिख रहा है। नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ अपना सातवां कार्यकाल शुरू किया, लेकिन बाद में विपक्ष में चले गए और भगवा पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन में लौटने से पहले इंडिया ब्लॉक की स्थापना में मदद की।