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बिहार में कृषि विपणन संरचना के आधुनिकीकरण के लिए 5.4 अरब रुपये की योजना

बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने किसानों को सशक्त बनाने के लिए 5.4 अरब रुपये की महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत 9 बाजार प्रांगणों का आधुनिकीकरण किया जाएगा, जिससे किसानों को अपनी उपज के विपणन में सहूलियत मिलेगी। योजना के कार्यान्वयन से 10 लाख से अधिक मानव दिवस का रोजगार सृजन होगा, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति देगा। जानें इस योजना के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
 

कृषि मंत्री का बयान

बिहार के उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि राज्य सरकार किसानों को सशक्त बनाने और कृषि विपणन प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इस दिशा में, राज्य योजना के तहत 9 बाजार प्रांगणों के आधुनिकीकरण और विकास के लिए 5 अरब 40 करोड़ 61 लाख 47 हजार 600 रुपये की लागत से एक महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत नाबार्ड से 95 प्रतिशत राशि ऋण के रूप में और शेष 5 प्रतिशत राज्यांश के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी.


वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए स्वीकृत राशि

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में बाजार प्रांगणों के लिए अलग-अलग प्रशासनिक स्वीकृति के तहत कुल 38 करोड़ 21 लाख 5 हजार 264 रुपये की निकासी और व्यय को मंजूरी दी गई है। इसमें नाबार्ड से 36 करोड़ 30 लाख रुपये और राज्यांश से 1 करोड़ 91 लाख 5 हजार 264 रुपये शामिल हैं। इस राशि का उपयोग बाजार प्रांगणों के विकास और सुविधाओं के विस्तार के लिए किया जाएगा, जिससे किसानों को अपनी उपज के विपणन में अधिक सहूलियत मिलेगी.


कार्य की समय सीमा

उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इस वित्तीय वर्ष में सभी कार्यों को पूरा किया जाए। यह कार्य बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। श्री सिन्हा ने बताया कि इस योजना के कार्यान्वयन से वित्तीय वर्ष 2025-26 में अनुमानित 10 लाख 67 हजार 136 मानव दिवस का रोजगार सृजन होगा, जिससे ग्रामीण युवाओं और स्थानीय श्रमिकों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा और राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी.


आधुनिकीकरण के लाभ

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत जिन 9 बाजार प्रांगणों का आधुनिकीकरण किया जाएगा, उनमें कृषि उत्पादन बाजार समिति सासाराम, बेगूसराय, कटिहार, फारबिसगंज, जहानाबाद, दरभंगा, किशनगंज, छपरा और बिहटा शामिल हैं। इससे बाजार प्रांगणों में अधोसंरचना को मजबूती मिलेगी और आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. उन्होंने यह भी कहा कि बाजार प्रांगणों में चल रहे कार्यों का नियमित अनुश्रवण कृषि विपणन निदेशालय द्वारा किया जा रहा है, ताकि कार्य समय पर पूर्ण हो सके.