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बिहार में कानून व्यवस्था पर चिराग पासवान का गंभीर बयान

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की प्राथमिकताएं अलग हैं और राज्य सरकार को इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए। हाल में हुई आपराधिक घटनाओं, जैसे पारस अस्पताल में हत्या, को लेकर उन्होंने प्रशासन की जिम्मेदारी पर भी सवाल उठाए। चिराग पासवान ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद यह बयान दिया, जब बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। जानें इस मुद्दे पर उनके विचार और राज्य की राजनीतिक स्थिति के बारे में।
 

केंद्रीय मंत्री का बयान

बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने एक बार फिर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री बिहार के लिए योजनाएं लेकर आ रहे हैं, तो उनकी प्राथमिकताएं अलग हैं। उनका उद्देश्य बिहार को एक विकसित राज्य बनाना है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कानून व्यवस्था का मुद्दा राज्य सरकार का है, इसलिए यह कहना गलत है कि प्रधानमंत्री इस पर चिंतित नहीं हैं। हाल के दिनों में बढ़ती आपराधिक घटनाओं, जैसे पारस अस्पताल में हुई हत्या, को उचित नहीं ठहराया जा सकता।


प्रशासन की जिम्मेदारी

चिराग पासवान ने आगे कहा कि यदि एक भी आपराधिक घटना होती है, तो प्रशासन को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। एडीजी को यह नहीं कहना चाहिए कि ऐसी घटनाएं बरसात से पहले होती हैं। क्या वे किसानों को इसके लिए दोषी ठहरा रहे हैं? राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बिहार के नागरिकों में सुरक्षा की भावना बनी रहे। इससे पहले, चिराग पासवान ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद बिहार में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की।


हत्या के प्रयास की घटना

उनकी यह प्रतिक्रिया पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती एक कैदी के हत्या के प्रयास के बाद आई है, जिसे पांच अपराधियों के एक गिरोह ने निशाना बनाया था। यह चिराग पासवान का बिहार में कानून-व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करने का दूसरा अवसर है। बिहार में इस साल 243 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। सूत्रों के अनुसार, नड्डा और चिराग ने चुनावी राज्य में बढ़ते अपराधों के संदर्भ में राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की, लेकिन बैठक के बाद कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया।