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बिहार में अनोखी प्रेम कहानी: 32 साल से प्रेमिका की अस्थियों के साथ मनाते हैं वैलेंटाइन

पूर्णिया के भोलानाथ आलोक ने 32 वर्षों से अपनी दिवंगत पत्नी की अस्थियों के साथ वैलेंटाइन डे मनाने की अनोखी परंपरा बनाई है। उनकी प्रेम कहानी न केवल उनके गहरे प्रेम को दर्शाती है, बल्कि यह युवा प्रेमियों के लिए एक प्रेरणा भी बन गई है। भोलानाथ रोजाना अपनी पत्नी की अस्थियों को श्रद्धांजलि देते हैं और इस प्रेम की पवित्रता को बनाए रखते हैं। जानें इस अनोखी प्रेम कहानी के बारे में और कैसे भोलानाथ ने प्रेम की एक नई परिभाषा दी है।
 

प्रेम की अनोखी दास्तान


पटना: बिहार के पूर्णिया से एक अनोखी प्रेम कहानी सामने आई है, जिसमें एक बुजुर्ग प्रेमी अपनी दिवंगत प्रेमिका के लिए 32 वर्षों से वैलेंटाइन डे मनाते आ रहे हैं। यह कहानी भोलानाथ आलोक की है, जो एक साहित्यकार हैं। उनकी प्रेमिका का निधन हो चुका है, लेकिन भोलानाथ ने उनकी अस्थियों को अपने पास रखकर उन्हें श्रद्धांजलि देने का प्रण लिया है।


यह प्रेम कहानी तब शुरू हुई जब भोलानाथ की पत्नी, पद्मा रानी, का निधन 32 साल पहले हुआ। उन्होंने अपनी पत्नी की अस्थियों को गंगा में बहाने के बजाय एक आम के पेड़ के नीचे रख दिया। हर दिन वह उस अस्थि कलश पर गुलाब का फूल चढ़ाते हैं और अगरबत्ती दिखाकर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।


भोलानाथ का कहना है कि उनकी पत्नी के प्रति उनका प्रेम इतना गहरा था कि उन्होंने उनकी अस्थियों का दाह संस्कार अपनी गोद में करने का प्रण लिया। इस प्रकार, वह अपनी पत्नी की याद में हर दिन समय बिताते हैं।


भोलानाथ अब शहर के युवा प्रेमियों के लिए एक आदर्श बन गए हैं। वैलेंटाइन वीक के दौरान, युवा प्रेमी उनसे आशीर्वाद लेने आते हैं। भोलानाथ की यह कहानी पूर्णिया के बच्चों के बीच भी चर्चित है।


32 वर्षों तक अस्थि कलश के साथ वैलेंटाइन मनाना आसान नहीं है, लेकिन भोलानाथ ने इसे संभव कर दिखाया है। साहित्यकार डॉक्टर रामनरेश भक्त का मानना है कि भोलानाथ का अपनी पत्नी के प्रति गहरा प्रेम सभी के लिए एक प्रेरणा है।