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बिहार पुलिस का डायल-112: आपातकालीन सहायता में तेजी से बढ़ता कदम

बिहार पुलिस का डायल-112 आपातकालीन नंबर नागरिकों को त्वरित सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 2022 में शुरू हुई इस सेवा ने अब तक 43 लाख से अधिक लोगों को मदद पहुंचाई है। इस वर्ष अकेले 8 लाख से ज्यादा लोगों को सहायता मिली है। एडीजी एनके आजाद ने बताया कि पुलिस को घटनास्थल तक पहुंचने में औसतन 14 मिनट का समय लगता है, जिसे और कम करने की योजना है। इसके अलावा, महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष पहल भी शुरू की गई है। जानें इस सेवा की सफलता और भविष्य की योजनाओं के बारे में।
 

डायल-112 सेवा की सफलता

बिहार पुलिस का डायल-112 आपातकालीन नंबर न केवल सामान्य विधि-व्यवस्था को संभालने में सक्रिय है, बल्कि यह नागरिकों को हर प्रकार की सहायता प्रदान करने में भी तत्पर है। इस सेवा की शुरुआत 2022 में हुई थी, और अब तक 43 लाख से अधिक लोगों को आपातकालीन सहायता दी जा चुकी है। इस वर्ष अकेले 8 लाख से ज्यादा व्यक्तियों को सहायता प्रदान की गई है। यह जानकारी एडीजी (संचार एवं तकनीकी सेवा) एनके आजाद ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय सरदार पटेल भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में साझा की।


आपातकालीन सहायता की प्रक्रिया

एडीजी ने बताया कि वर्तमान में इस हेल्पलाइन पर कॉल करने के बाद पुलिस को संबंधित स्थान तक पहुंचने में औसतन 14 मिनट का समय लगता है। भविष्य में इस समय को और कम करने की योजना बनाई जा रही है। प्रत्येक वाहन में औसतन 3 से 4 लोग होते हैं, और उनकी संख्या बढ़ाने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है। चयनित कर्मियों को डेढ़ साल की ट्रेनिंग लेनी होती है, जिससे कर्मियों की संख्या बढ़ाने में समय लगता है। इसके अलावा, लोकेशन आधारित सिस्टम को और सटीक बनाने के लिए मोबाइल सेवा प्रदाताओं को आवश्यक जानकारी दी गई है।


आपातकालीन सहायता के आंकड़े

इस सेवा के अंतर्गत 1833 वाहन शामिल हैं, जिनमें 1283 चार पहिया और 550 दो पहिया वाहन हैं। ये चौबीस घंटे आपातकालीन सहायता प्रदान करते हैं। इस वर्ष 8 लाख लोगों को सहायता दी गई, जिसमें से 6 लाख कॉल सामान्य विधि-व्यवस्था से संबंधित थे। अन्य कॉल में घरेलू एवं लैंगिक हिंसा, एंबुलेंस सहायता और अग्निशामक सहायता शामिल हैं।


सेवा की गुणवत्ता और फीडबैक

एडीजी ने बताया कि जिन लोगों को सहायता दी जाती है, उनमें से केवल 10 से 15 प्रतिशत से ही फीडबैक प्राप्त होता है, जिसमें 90 प्रतिशत लोग सेवा से संतुष्ट हैं। भविष्य में सभी से फीडबैक लेने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि 5 सितंबर 2024 से महिलाओं की सुरक्षा के लिए डायल-112 के माध्यम से एक विशेष पहल शुरू की गई थी, जिसका सकारात्मक रिस्पांस मिला है। अब तक 200 से अधिक महिलाओं को उनकी आवश्यकता के अनुसार सुरक्षा प्रदान की गई है। इस हेल्पलाइन में अग्निशामक, महिला एवं बच्चों से जुड़ी समस्याएं, एंबुलेंस और अन्य आपात सेवाएं शामिल हैं।