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बिहार चुनाव: रमेश बिधूड़ी ने सीमांचल में घुसपैठ रोकने को बताया प्रमुख मुद्दा

बिहार चुनाव में रमेश बिधूड़ी ने सीमांचल क्षेत्र के मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने घुसपैठियों को बाहर निकालने को सबसे बड़ा मुद्दा बताया। इसके अलावा, स्थानीय समस्याओं जैसे पुलों की कमी और सड़क की स्थिति पर भी प्रकाश डाला। जानें इस क्षेत्र की सामरिक महत्वता और चुनावी रणनीतियों के बारे में।
 

सीमांचल में विकास और घुसपैठ का मुद्दा


रमेश बिधूड़ी


बिहार में विभिन्न राजनीतिक दल चुनावी मैदान में हैं, और सभी विकास के मुद्दे पर जोर दे रहे हैं। लेकिन सीमांचल क्षेत्र में स्थिति कुछ अलग है। भारतीय जनता पार्टी के सीमांचल प्रभारी और पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी के अनुसार, यहां का सबसे बड़ा मुद्दा घुसपैठियों को बाहर निकालना है।


रमेश बिधूड़ी ने किशनगंज जिले के झोड़ागछ के कुकुर बाड़ी पंचायत में एक मीडिया चैनल से बातचीत में कहा कि विकास महत्वपूर्ण है, लेकिन घुसपैठियों को हटाना और भी आवश्यक है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में कई घुसपैठिए हैं, जिन्हें बाहर निकालना जरूरी है।


घुसपैठियों को बाहर निकालना प्राथमिकता

बिधूड़ी ने कहा कि हाल के वर्षों में कई घुसपैठिए इस क्षेत्र में शरण ले चुके हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इस समस्या को हल करने की कोशिश कर रही है, लेकिन कुछ लोग इन घुसपैठियों का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि आने वाले समय में सभी घुसपैठियों को बाहर निकाला जाएगा ताकि क्षेत्र का सतत विकास संभव हो सके।


स्थानीय समस्याएं

मीडिया चैनल से बातचीत में मुन्नी देवी ने बताया कि इलाके में कई समस्याएं हैं, जिनसे लोग परेशान हैं। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी समस्या पुल की है। यहां की नदी में दो पंचायतों में पुल हैं, लेकिन एक पंचायत में पुल नहीं होने के कारण लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।


ठाकुरगंज विधानसभा क्षेत्र के झोड़ागछ गांव के मुकेश हेंब्रम ने बताया कि यदि किसी को बीमार पड़ता है, तो उसे तुरंत बाहर ले जाने में कठिनाई होती है। गांव में सड़क की कमी के कारण गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को इलाज के लिए बाहर ले जाने में परेशानी होती है।


सीमावर्ती जिला का सामरिक महत्व

रमेश बिधूड़ी ने कहा कि यह क्षेत्र सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दो देशों की सीमा से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि मतदान से पहले कई मुद्दों पर ध्यान देना आवश्यक है, जिसमें सामरिक महत्व भी शामिल है। बांग्लादेश और नेपाल की राजनीतिक स्थिति भी ठीक नहीं है, और इन सभी बातों को ध्यान में रखकर जनता को वोट देना चाहिए।