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बिहार चुनाव: मोदी और राहुल के बीच तीखी बयानबाजी

बिहार में चुनावी माहौल गरमाता जा रहा है, जहां प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गांधी के बीच तीखी बयानबाजी हो रही है। मोदी ने महागठबंधन को जंगलराज की वापसी का प्रतीक बताया, जबकि राहुल ने नीतीश कुमार को भाजपा का रिमोट नियंत्रित मुख्यमंत्री कहा। चुनावी रैलियों में भारी भीड़ उमड़ रही है, और दोनों पक्षों ने अपने-अपने विकास और सुशासन के दावे किए हैं। 6 नवंबर को होने वाले चुनाव में जनता किसे चुनती है, यह देखना दिलचस्प होगा।
 

बिहार में चुनावी माहौल गरमाया

बिहार में चुनावी गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। पहले चरण के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने विपक्ष पर तीखे हमले किए। उन्होंने महागठबंधन को ‘जंगलराज की वापसी का प्रतीक’ करार दिया। इसके जवाब में, राहुल गांधी ने नीतीश कुमार को भाजपा का “रिमोट नियंत्रित मुख्यमंत्री” बताया।




दरभंगा, समस्तीपुर और औरंगाबाद में भाजपा-राजग की रैलियों में भारी भीड़ उमड़ी। प्रधानमंत्री मोदी ने एनडीए की महिला कार्यकर्ताओं से बातचीत में कहा कि इस बार की रैलियों में महिलाओं की अभूतपूर्व संख्या देखी जा रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि बिहार में राजग की शानदार जीत होगी। मोदी ने कहा, “हमारी माताएं-बहनें ‘लालू युग’ के अत्याचार और असुरक्षा को फिर कभी लौटने नहीं देंगी।” उन्होंने महिला कार्यकर्ताओं से अधिक मतदान सुनिश्चित करने का आग्रह किया। 


छठ मैया पर सवाल उठा रहे 'युवराज'! योगी का राहुल पर आस्था विरोधी राजनीति का आरोप


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दरभंगा में कहा कि “छह नवंबर को अगर कोई गलती हुई, तो हत्या, लूट, अपहरण और वसूली फिर से बिहार की पहचान बन जाएगी।” उन्होंने जनता से अपील की कि “लालू-राबड़ी के जंगलराज की वापसी रोकने के लिए ‘कमल’ का बटन दबाएं।” शाह ने मिथिलांचल के विकास के लिए 26,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की और कहा कि “बाढ़ नियंत्रण से लेकर कोसी के पानी से सिंचाई तक, अब बिहार आत्मनिर्भर बनेगा।” 




समस्तीपुर में, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर सीधा हमला करते हुए कहा, “अब बिहार में भी माफिया पर बुलडोजर चलेगा और उनकी संपत्ति गरीबों में बांटी जाएगी। यही सच्चा न्याय है।” योगी ने कहा कि बिहार को फिर से ज्ञान की भूमि बनाना है — “राजग सरकार विकास और विरासत का उत्कृष्ट संतुलन स्थापित कर चुकी है।” 




रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वैशाली में कहा, “नीतीश कुमार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं। उनकी ईमानदारी बिहार के सुशासन की पहचान बन चुकी है।” उन्होंने यह भी कहा कि “संप्रग सरकार के समय बिहार को मात्र दो लाख करोड़ मिले थे, जबकि मोदी सरकार ने दस वर्षों में 15 लाख करोड़ रुपये दिए हैं।” 




राहुल गांधी ने औरंगाबाद में नीतीश कुमार को भाजपा का ‘बंधक’ बताते हुए कहा, “अब बिहार में नीतीश जी की सरकार कभी नहीं बनेगी। मोदी और शाह रिमोट से चैनल बदलते हैं, नीतीश वही करते हैं जो दिल्ली से आदेश आता है।” राहुल ने भाजपा पर ‘वोट चोरी’ की साजिश का आरोप लगाया और कहा कि “युवाओं को बेरोजगारी से भटकाने के लिए मोदी रील्स और नशे की बात करते हैं।” 




बिहार की राजनीति एक बार फिर निर्णायक मोड़ पर है। एक ओर मोदी-शाह-योगी-राजनाथ का “विकास, सुशासन और आस्था” का मंत्र है, तो दूसरी ओर राहुल गांधी का “वोट चोरी और रिमोट कंट्रोल” का आरोप। अब देखना यह है कि 6 नवंबर को जनता किसके ‘बटन’ पर विश्वास जताती है— ‘कमल’ पर या 'महागठबंधन' की वापसी पर।