बिहार चुनाव में वोट चोरी का आरोप: अलका लांबा ने बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप
बिहार में वोट चोरी का मामला
वोट चोरी का मुद्दा लगातार बढ़ता जा रहा है, और विभिन्न राज्यों में कांग्रेस द्वारा इस संबंध में सबूत पेश किए जा रहे हैं। महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा ने बिहार के चुनावों में बीजेपी पर वोट चोरी का आरोप लगाया है।
अलका लांबा ने कहा कि नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग ने बिहार में व्यापक स्तर पर 'वोट चोरी' की है। यह आरोप चुनाव आयोग द्वारा जारी अंतिम वोटर लिस्ट में सामने आए तथ्यों पर आधारित है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जमुई में एक ही पते पर 247 मतदाता पंजीकृत हैं। मुजफ्फरपुर में एक व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में तीन बार दर्ज है, और फाइनल लिस्ट में मृतकों के नाम भी शामिल हैं।
फर्जीवाड़े की लंबी सूची
लांबा ने कहा कि ये केवल कुछ उदाहरण हैं, जबकि फर्जीवाड़े की सूची काफी लंबी है। उनका आरोप है कि नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग बिहार में लोगों के अधिकार, रोजगार और भविष्य को चुराने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को यह याद रखना चाहिए कि बिहार की जनता 'वोट चोरी' नहीं होने देगी और चुनावों में कड़ा सबक सिखाएगी। इसके अलावा, उन्होंने SIR के संदर्भ में भी आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह के इशारे पर चुनाव आयोग द्वारा भारी फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।
महिलाओं के नामों की कटौती
बिहार के छह जिलों में लाखों महिलाओं के नाम वोटर लिस्ट से काटे गए हैं, जिनमें गोपालगंज, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, भोजपुर और पूर्णिया शामिल हैं। इन जिलों में लगभग 60 विधानसभा सीटें आती हैं।
2020 के विधानसभा चुनावों में, INDIA गठबंधन ने 25 सीटें जीती थीं, और लांबा का कहना है कि चुनाव आयोग ने अब इन सीटों पर SIR के नाम पर फर्जीवाड़ा किया है।
कांग्रेस का हस्ताक्षर अभियान
बिहार में जहां लगभग 23 लाख महिलाओं के नाम काटे गए हैं, वहीं करीब 15 लाख पुरुषों के नाम भी वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं। कांग्रेस पार्टी पूरे देश में 'वोट चोरी' के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चला रही है, जिसमें 5 करोड़ हस्ताक्षर जुटाने का लक्ष्य है।
लांबा के सवाल
महिलाओं के नाम काटे जाने पर लांबा ने कुछ सवाल उठाए हैं:
- जब ये महिलाएं पिछले साल लोकसभा चुनाव में वोट डाल चुकी थीं, तो क्या तब उनके वोट फर्जी थे?
- क्या इन्हीं फर्जी वोटों से सांसद बने और पूरी सरकार बनी?
अलका ने कहा कि अंतिम समय में नाम जोड़ने और काटने की साजिश चल रही है, लेकिन वे इसका पर्दाफाश करेंगी। नरेंद्र मोदी एक ओर बिहार में चुनाव को प्रभावित करने के लिए महिलाओं के खातों में पैसे डाल रहे हैं, जबकि दूसरी ओर उन्होंने चुनाव आयोग के साथ मिलकर 23 लाख महिलाओं के नाम वोटर लिस्ट से काट दिए हैं।