बिहार चुनाव में महागठबंधन की मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पर उठे सवाल
बिहार चुनाव की तैयारी में हलचल
बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। यह केवल विपक्ष और सत्ताधारी दल के बीच ही नहीं, बल्कि अपने ही दलों में भी मतभेद देखने को मिल रहे हैं।
बिहार की राजनीति में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर चर्चा फिर से गर्म हो गई है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने स्पष्ट किया है कि महागठबंधन बिना मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के चुनाव नहीं लड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि क्या हम भाजपा के समर्थक हैं कि बिना चेहरे के चुनाव लड़ेंगे? यह बयान उनकी 'आपूर्ति अधिकार यात्रा' के दौरान आया, जो उन क्षेत्रों में आयोजित की गई जहां विपक्ष की पिछली यात्राएं नहीं पहुंच पाई थीं।
मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन?
तेजस्वी यादव ने पहले ही कहा है कि वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी को विपक्षी गठबंधन का प्रधानमंत्री पद का चेहरा मानते हैं। हालांकि, राहुल गांधी ने अभी तक तेजस्वी को बिहार में महागठबंधन का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। इस पर जनता में अब भी सवाल उठ रहे हैं कि बिहार का मुख्यमंत्री चेहरा कौन होगा। तेजस्वी ने कहा, "थोड़ा इंतज़ार कीजिए, जनता तय करेगी। सिर्फ मुख्यमंत्री या सरकार होना ही सब कुछ नहीं है; हमें बिहार बनाना है।" उन्होंने यह भी कहा कि सीटों के बंटवारे के बाद मुख्यमंत्री पद का चेहरा तय किया जाएगा।
तेजस्वी का नीतीश पर हमला
तेजस्वी यादव ने 31 अगस्त को आरा में एक रैली के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि यह नकलची सरकार है और हमें नकली नहीं, असली मुख्यमंत्री चाहिए। जनसभा में उपस्थित भीड़ से उन्होंने पूछा कि क्या उन्हें नकली चाहिए या असली मुख्यमंत्री। इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि तेजस्वी खुद को गठबंधन का संभावित चेहरा मानते हैं।
कांग्रेस का रुख
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट रुख नहीं अपनाया है। राहुल गांधी ने पत्रकारों से कहा कि अखिल भारतीय गठबंधन के सभी सहयोगी आपसी सम्मान और सहयोग की भावना से चुनाव लड़ेंगे और अच्छे परिणाम हासिल करेंगे। इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस संतुलित रुख अपनाए हुए है और अंतिम निर्णय बाद में लिया जा सकता है।