बिहार चुनाव में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा: बीजेपी की रणनीति
बिहार चुनाव की तैयारी और घुसपैठ का मुद्दा
बिहार चुनाव, पीएम मोदी, अमित शाह और नीतीश कुमार.
बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पूरा हो चुका है और चुनाव की तारीख का ऐलान जल्द ही किया जा सकता है। चुनाव से पहले बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा चर्चा में है, जिसे बीजेपी कांग्रेस और राजद के खिलाफ एक प्रमुख मुद्दा बना रही है।
बीजेपी का ध्यान सीमांचल क्षेत्र पर है, जहां मुस्लिम जनसंख्या लगभग 47 प्रतिशत है। पिछले चुनाव में इस क्षेत्र में असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने पांच सीटें जीती थीं, जिससे बीजेपी ने इस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना शुरू किया है।
सीमांचल का महत्व
सीमांचल भाजपा के लिए क्यों मायने रखता है?
दिलचस्प है कि बीजेपी सीमांचल में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा उठा रही है, जो पश्चिम बंगाल से सटा हुआ है और जहां मुस्लिम जनसंख्या का प्रतिशत सबसे अधिक है। 2011 की जनगणना के अनुसार, सीमांचल में मुस्लिम जनसंख्या 47 प्रतिशत है, जबकि पूरे बिहार में यह 17.7 प्रतिशत है।
सीमांचल में बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से 24 सीटें चार जिलों पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार में हैं। राजद-कांग्रेस गठबंधन को यहां मुस्लिम और यादव मतदाताओं का समर्थन प्राप्त है।
घुसपैठ का मुद्दा और बीजेपी की रणनीति
बिहार चुनाव में घुसपैठिए को बीजेपी ने बनाया मुद्दा
प्रधानमंत्री ने हाल ही में एक रैली में महागठबंधन के सहयोगियों पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस और राजद विदेशी घुसपैठियों का समर्थन कर रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी चेतावनी दी कि विपक्ष की “वोट अधिकार यात्रा” का असली उद्देश्य घुसपैठियों के मताधिकार की रक्षा करना है।
घुसपैठ का मुद्दा अन्य राज्यों में
असम-बंगाल में घुसपैठ पहले से रह चुका है मुद्दा
असम और पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ पहले से ही एक प्रमुख चुनावी मुद्दा है। बीजेपी ने ममता बनर्जी की सरकार पर बांग्लादेशियों के खिलाफ तुष्टिकरण का आरोप लगाया है।
बीजेपी का दावा है कि बंगाल में एसआईआर होने पर बांग्लादेशियों को हटाया जाएगा। असम में भी मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा घुसपैठियों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं।
दिल्ली-झारखंड में घुसपैठ का मुद्दा
दिल्ली-झारखंड चुनाव में अवैध घुसपैठ बन चुके हैं मुद्दे
दिल्ली और झारखंड में भी बीजेपी ने अवैध घुसपैठ के खिलाफ अभियान चलाया था। दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान, रोहिंग्या और बांग्लादेशी प्रवासियों का मुद्दा उठाया गया था।
झारखंड में, प्रधानमंत्री मोदी और अन्य भाजपा नेताओं ने घुसपैठियों के खिलाफ प्रचार किया और राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वह रोहिंग्याओं और बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए धर्मशाला में बदल रही है।
ध्रुवीकरण की कोशिश
मुस्लिम और हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण की कवायद
प्रधानमंत्री मोदी ने चुनावी नारे को और मजबूत करते हुए कहा कि झारखंड में तुष्टिकरण की राजनीति चरम पर है। बिहार चुनाव में भी बीजेपी बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा उठाकर मुस्लिम और हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही है।
बिहार चुनाव 2025 अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है। चुनाव आयोग ने अभी तक तारीखों की घोषणा नहीं की है। इस बार मुकाबला एनडीए, महागठबंधन और प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के बीच होगा।