×

बिहार चुनाव में ऐतिहासिक मतदान: 65.08% वोटिंग प्रतिशत का रिकॉर्ड

बिहार में हाल ही में हुए पहले चरण के चुनाव में 65.08% मतदान हुआ, जो आजादी के बाद का सबसे अधिक है। यह आंकड़ा विपक्ष के लिए बदलाव का संकेत माना जा रहा है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसे NDA के लिए सकारात्मक बताया है। इस बार मतदान का समय छठ पूजा के दौरान होने से प्रवासी मजदूरों और युवाओं की भागीदारी बढ़ी है। जानें इस ऐतिहासिक मतदान के पीछे के कारण और इसके संभावित परिणाम क्या हो सकते हैं।
 

बिहार में मतदान का नया रिकॉर्ड

बिहार वोटिंग

बिहार में हाल ही में हुए पहले चरण के चुनाव में मतदान का प्रतिशत सभी को हैरान कर दिया है। यह आंकड़ा आजादी के बाद का सबसे ऊंचा है, जिससे विपक्षी दल इसे बदलाव का संकेत मान रहे हैं। चुनाव आयोग ने शनिवार को बताया कि पहले चरण में 65.08 प्रतिशत मतदान हुआ है।

कुछ विश्लेषकों ने इसे सत्ता-विरोधी लहर के रूप में देखा है, जबकि अन्य इसे सत्ताधारी दल के पक्ष में मानते हैं। हालांकि, इस रिकॉर्ड मतदान का असली अर्थ 14 नवंबर को तब स्पष्ट होगा, जब बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होंगे।

चुनाव आयोग ने अभी तक पहले चरण के मतदान का लिंग अनुपात जारी नहीं किया है। लिंग अनुपात के आंकड़े आने के बाद यह पता चलेगा कि इस बार महिलाओं की भागीदारी अधिक रही या पुरुषों की।

विपक्ष की उम्मीदें

वोटिंग के इस उच्च प्रतिशत के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं। विपक्ष के कई नेता मानते हैं कि बढ़ा हुआ वोटर टर्नआउट सत्ता परिवर्तन का संकेत है। जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर ने कहा कि यह उनके दल के लिए फायदेमंद साबित होगा।

केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “NDA को भारी जनादेश मिलने वाला है, और इस भारी मतदान ने इसे साबित कर दिया है।” उन्होंने यह भी कहा कि पिछले चुनावों ने भी यही संकेत दिए थे। बीजेपी और जेडीयू एनडीए का हिस्सा हैं, जो बिहार में सत्ता में वापसी की कोशिश कर रहे हैं।

युवाओं और प्रवासी मजदूरों की भागीदारी

इस बार बिहार चुनाव छठ पूजा के समय हो रहे हैं, और पलायन तथा रोजगार जैसे मुद्दे चुनावों में प्रमुख रहे हैं। बिहार के अधिकांश लोग रोजगार के लिए बाहर जाते हैं। त्योहार के दौरान मतदान होने से लोग बिहार में रुक गए और वोटिंग में वृद्धि हुई। इसके अलावा, युवाओं ने भी इस बार सक्रियता से मतदान किया है.