बिहार चुनाव में AIMIM की भूमिका पर अख्तरुल ईमान की महत्वपूर्ण बातें
बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारी
AIMIM के नेता अख्तरुल ईमान
बिहार में विधानसभा चुनावों की तैयारियों के तहत, टीवी9 डिजिटल द्वारा विभिन्न शहरों में बैठकें आयोजित की जा रही हैं। आज की बैठक पूर्णिया में हुई, जिसमें AIMIM के प्रमुख अख्तरुल ईमान ने भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने बिहार विधानसभा चुनावों में AIMIM की संभावित भूमिका पर चर्चा की।
अख्तरुल ईमान ने चुनाव में अपनी स्थिति के बारे में कहा कि उनकी ताकत का सभी को एहसास है, चाहे वह बीजेपी, आरजेडी या इंडिया गठबंधन हो। उन्होंने 2020 में 5 सीटें जीतने का उदाहरण देते हुए कहा कि यह सभी के लिए चौंकाने वाला था।
उन्होंने यह भी बताया कि बिहार के दलित और मुस्लिम समुदाय को दो प्रकार के लोगों ने नुकसान पहुँचाया है - एक अवसरवादी और दूसरा फिरका परस्त। इन लोगों ने बिहार की स्थिति को खराब किया है, और AIMIM ही एकमात्र पार्टी है जो इस मुद्दे पर आवाज उठा रही है।
जाति व्यवस्था का मुद्दा
मुस्लिम समुदाय में जाति व्यवस्था
अख्तरुल ईमान ने कहा कि हर धर्म में जातियों का विभाजन होता है, और मुसलमानों में भी ऐसा ही है। लेकिन उन्हें सरकारी नौकरियों में उचित अवसर नहीं मिले हैं। जाति और बिरादरी अलग हो सकती हैं, लेकिन सरकारी सुविधाएं सभी को मिलनी चाहिए।
आरजेडी की भूमिका पर सवाल
आरजेडी में मुसलमानों की अनदेखी
अख्तरुल ईमान ने आरजेडी पर आरोप लगाया कि वह मुसलमानों के साथ भेदभाव करती है। उन्होंने कहा कि आरजेडी के पास अभी भी मुसलमानों की संख्या अधिक है, लेकिन लालू और तेजस्वी यादव ने मुसलमानों को धोखा दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि आरजेडी केवल एक व्यक्ति द्वारा संचालित हो रही है, जिससे यादव बीजेपी में शामिल हो रहे हैं।
अख्तरुल ईमान ने कहा कि मुसलमानों को इस स्थिति के लिए भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी ने मुसलमानों का शोषण किया है और सही न्याय नहीं किया है।