बिहार चुनाव: महागठबंधन का डैमेज कंट्रोल और नई रणनीतियाँ
महागठबंधन की चुनावी तैयारी
तेजस्वी यादव और राहुल गांधी
बिहार विधानसभा चुनावों से पहले महागठबंधन अपनी स्थिति को मजबूत करने में जुटा है। सीटों के बंटवारे की घोषणा न करने के कारण NDA को आक्रमण का मौका मिला था, लेकिन अब महागठबंधन हर कदम सोच-समझकर उठा रहा है। साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस और घोषणापत्र के माध्यम से यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि गठबंधन में जो समस्याएँ थीं, उन्हें सुलझा लिया गया है।
संवाद की कमी को दूर किया गया
महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर पहले कोई सहमति नहीं बन पाई थी। इसके बाद आरजेडी, कांग्रेस और वीआईपी ने अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी। कई सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए गए थे। संवाद की कमी को दूर करने के लिए कांग्रेस ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पटना भेजा, जहां उन्होंने लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात की।
पटना में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन
लालू और गहलोत की मुलाकात के अगले दिन, 23 अक्टूबर को पटना में महागठबंधन की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें तेजस्वी यादव भी उपस्थित थे। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी को महागठबंधन का मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया गया। हालांकि, राहुल गांधी की अनुपस्थिति ने बीजेपी को एक और हमला करने का मौका दिया।
राहुल की तस्वीर का समावेश
महागठबंधन ने 28 अक्टूबर को अपने घोषणापत्र में सुधार करते हुए राहुल गांधी की तस्वीर को शामिल किया। पिछली बार उनकी तस्वीर के न होने पर बीजेपी ने कटाक्ष किया था कि आरजेडी ने कांग्रेस को नजरअंदाज किया है।
घोषणापत्र का समय पर जारी होना
हालांकि सीट बंटवारे में महागठबंधन NDA से पीछे रहा, लेकिन घोषणापत्र जारी करने में उसने बढ़त बनाई। तेजस्वी के नेतृत्व में गठबंधन ने इसे जारी किया, जिसमें अगले 5 वर्षों की योजनाओं का ब्लूप्रिंट शामिल है।
राहुल की रैली का आयोजन
राहुल गांधी बुधवार को बिहार में प्रचार के लिए उतरेंगे, जिसकी शुरुआत सकरा से होगी। इसके बाद वह दरभंगा में जनसभा को संबोधित करेंगे। इस रैली में तेजस्वी भी शामिल होंगे, जिससे यह संदेश दिया जाएगा कि महागठबंधन में सब कुछ ठीक है। 10 नवंबर को एक संयुक्त रैली भी आयोजित की जाएगी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी शामिल होंगे।
कांग्रेस ने यह सुनिश्चित किया है कि फ्रेंडली फाइट वाली 11 सीटों पर उसके बड़े नेता प्रचार में शामिल न हों। बिहार में राहुल 10, खरगे 3 और प्रियंका 7 रैलियां करने वाले हैं, लेकिन फ्रेंडली फाइट वाली सीटों पर प्रचार नहीं करेंगे।