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बिहार चुनाव 2025: लोजपा सांसद शांभवी चौधरी के मतदान पर विवाद

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में लोजपा सांसद शांभवी चौधरी के मतदान के बाद स्याही के निशान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। एक वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि उन्होंने दोनों हाथों पर स्याही के निशान दिखाए, जिससे दोहरे मतदान के आरोप लगे हैं। पटना जिला प्रशासन ने इस मामले में स्पष्टीकरण दिया है कि मतदान कर्मचारी की गलती से ऐसा हुआ। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं।
 

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ मतदान का वीडियो

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में मतदान के बाद लोजपा (रामविलास) की सांसद शांभवी चौधरी के हाथों पर स्याही के निशान दिखाते हुए एक वीडियो ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। इस वीडियो के चलते दोहरे मतदान और प्रक्रियागत खामियों के आरोप लगाए जा रहे हैं। पटना के बुद्ध कॉलोनी में स्थित एक मतदान केंद्र के बाहर फिल्माए गए इस वीडियो में, समस्तीपुर से 27 वर्षीय सांसद अपने पिता, जदयू नेता अशोक चौधरी और मां नीता चौधरी के साथ पोज़ देती नजर आ रही हैं।


 


वीडियो में सबसे पहले शांभवी अपने दाहिने हाथ की उंगली पर स्याही का निशान दिखाती हैं, फिर अपने बाएं हाथ पर भी स्याही का निशान दिखाती हैं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद पटना जिला प्रशासन ने एक विज्ञप्ति जारी की, जिसमें बताया गया कि मतदान कर्मचारी ने गलती से पहले दाहिने हाथ की उंगली पर स्याही लगाई और फिर बाएं हाथ की उंगली पर भी स्याही लगा दी।


 


पटना जिला प्रशासन ने कहा, "सोशल मीडिया पर सांसद शांभवी के मतदान के बाद दोनों उंगलियों पर स्याही के निशान का वीडियो वायरल हो रहा है। इस मामले में 182-बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र संख्या 61, संत पॉल प्राथमिक विद्यालय, बुद्ध कॉलोनी के पीठासीन अधिकारी से पूछताछ की गई है।" उन्होंने स्पष्ट किया कि स्याही लगाने वाले कर्मचारी ने गलती से दाहिने हाथ की उंगली पर स्याही लगाई थी, और पीठासीन अधिकारी के हस्तक्षेप के बाद बाएं हाथ की उंगली पर भी स्याही लगाई गई।


 


विज्ञप्ति में कहा गया है, "यह स्पष्ट किया जा रहा है कि शांभवी ने 182-बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र संख्या 61 की मतदाता सूची के क्रमांक 275 पर ही अपना वोट डाला था।" यह स्पष्टीकरण राजद प्रवक्ता कंचना यादव के एक पोस्ट के बाद आया, जिसमें उन्होंने इस घटना को "एक अलग स्तर की धोखाधड़ी" बताया था। उन्होंने चुनाव आयोग से सवाल किया, "यह सब कैसे हो रहा है? इसकी जांच कौन करेगा?"