×

बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम का भावुक बयान, दलितों के अपमान पर जताया दुख

बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम ने एक प्रेस वार्ता में भावुक होकर मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हमले की कोशिश के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि यह घटना सभी दलितों के लिए अपमानजनक है। राम ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि समाज में ऊँचाई तक पहुँचने के लिए कितनी कठिनाइयाँ सहनी पड़ती हैं। उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान का भी जिक्र किया, जो उन्हें अपने विचार व्यक्त करने की शक्ति देता है।
 

राजेश राम का आंसू भरा बयान

बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम ने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान भावुक होकर रो पड़े। उन्होंने उस घटना का जिक्र किया जब एक वकील ने भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की। राम, जो स्वयं दलित समुदाय से हैं, ने कहा कि यह घटना सभी दलितों के लिए एक गहरा दुख है। उन्होंने बताया कि न्यायमूर्ति गवई, जो दलित समुदाय से मुख्य न्यायाधीश बनने वाले दूसरे व्यक्ति हैं, का अपमान करना एक गंभीर मुद्दा है।


राम ने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट पर एक हमला है और लाखों दलितों का अपमान है। उनकी आंखों में आंसू आ गए जब उन्होंने इस घटना के बारे में बात की।


पटना में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि समाज में ऊँचाई तक पहुँचने के लिए एक व्यक्ति को कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, यह सभी को पता है। जब समाज उस व्यक्ति को स्वीकार नहीं करता, तो वह अपने घर में भी अपमानित महसूस करता है।


उन्होंने कहा, "एक दलित होने के नाते, इससे गहरी भावना और क्या हो सकती है।" राम ने यह भी बताया कि उन्हें और उनके समुदाय को हमेशा भेदभाव का सामना करना पड़ा है।


वह कहते हुए भावुक हो गए, "हमने सड़कों पर हर दिन इसका सामना किया है, लेकिन अब, बहुत भारी मन से...।" उन्होंने कहा कि यह दर्द उन सभी दलितों का है जो गवई साहब पर हुए हमले का असर महसूस कर रहे हैं।


उन्होंने यह भी कहा कि बाबा साहेब (बी.आर. अंबेडकर) द्वारा बनाए गए संविधान के कारण ही वह अपने विचार साझा करने में सक्षम हैं।


इससे पहले, दिल्ली के 71 वर्षीय वकील राकेश किशोर ने मुख्य न्यायाधीश पर हमले की कोशिश की थी और उन्होंने कहा कि उन्हें अपने कार्य पर कोई पछतावा नहीं है। मुख्य न्यायाधीश ने आरोप न लगाने का निर्णय लिया है, इसलिए किशोर पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जा रही है।