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बिजली बिल हाफ योजना में बड़ा बदलाव, 200 यूनिट तक मिलेगा लाभ

बिजली बिल हाफ योजना में महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहा है, जिसमें 100 यूनिट से बढ़ाकर 200 यूनिट तक लाभ मिलने की संभावना है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस योजना के विस्तार का संकेत दिया है, जिससे लगभग 14 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है। हाल के बदलावों के कारण उपभोक्ताओं में नाराजगी बढ़ी थी, लेकिन अब राहत की उम्मीद जगी है। जानें इस योजना के इतिहास और मुख्यमंत्री की पहल के बारे में।
 

मुख्यमंत्री के संकेत पर योजना की समीक्षा


मुख्यमंत्री संकेत के बाद सीएमओ ने योजना की फाइल की समीक्षा, उपभोक्ताओं के बढ़ते बिलों पर मिलेगा समाधान


बिजली बिल हाफ योजना में महत्वपूर्ण परिवर्तन होने जा रहा है। सरकार इस योजना के दायरे को 100 यूनिट से बढ़ाकर 200 यूनिट करने की योजना बना रही है, जिससे लगभग 14 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पहले ही इस योजना के विस्तार का संकेत दिया था। अब इस संदर्भ में फाइल मुख्यमंत्री सचिवालय को भेजी गई है।


बिजली बिल में राहत की उम्मीद

बिल में आएगी राहत


सूत्रों के अनुसार, बिजली विभाग ने हाफ बिल योजना के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है, तो घरेलू उपभोक्ताओं का बिजली बिल आधा हो सकता है। अनुमान है कि जिनका वर्तमान बिल 800-900 रुपए है, वह घटकर 420-435 रुपए तक आ सकता है।


योजना का इतिहास

योजना का इतिहास


बिजली बिल हाफ योजना की शुरुआत 2019 में हुई थी। प्रारंभ में घरेलू उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक की खपत पर लाभ दिया जा रहा था। इस साल अगस्त में योजना में बदलाव किया गया और दायरा घटाकर 100 यूनिट कर दिया गया। इस बदलाव के कारण लाखों परिवारों का बिल लगभग दोगुना हो गया, जिससे जनता में नाराजगी फैल गई।


मुख्यमंत्री की पहल

मुख्यमंत्री की पहल


मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार बढ़े हुए बिजली बिलों को लेकर जनता की चिंताओं को समझती है और जल्द ही बड़ी राहत मिलने की संभावना है।


योजना में वर्तमान बदलाव और उपभोक्ताओं की नाराजगी

योजना के वर्तमान बदलाव और नाराजगी


अब 100 यूनिट से अधिक खपत पर योजना का लाभ नहीं मिलेगा, जबकि पहले 400 यूनिट तक कोई भी खपत होने पर लाभ मिलता था। इस बदलाव के कारण बड़ी संख्या में उपभोक्ता योजना का लाभ नहीं ले पा रहे थे, जिससे नाराजगी बढ़ी थी।