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बिजनौर स्कूल में प्रिंसिपल पर हिंदू छात्रों के साथ भेदभाव का आरोप

बिजनौर के एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका नुसरत जहां ने प्रिंसिपल आयशा खातून पर हिंदू छात्रों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है। नुसरत का कहना है कि प्रिंसिपल ने हिंदू छात्रों को स्कूल में प्रवेश नहीं देने और उन्हें सफाई का काम करने के लिए मजबूर किया। इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। क्या प्रिंसिपल पर कार्रवाई होगी? जानें पूरी कहानी।
 

बिजनौर के सरकारी स्कूल में विवाद


उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के एक सरकारी स्कूल में एक शिक्षिका ने प्रिंसिपल पर हिंदू छात्रों के साथ भेदभाव करने का गंभीर आरोप लगाया है। यह मामला चांदपुर के पतियापाडा स्थित कंम्पोजिट प्राथमिक स्कूल का है, जहां शिक्षिका नुसरत जहां ने प्रिंसिपल आयशा खातून के खिलाफ स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराई है।


नुसरत जहां ने बताया कि वह 2007 से शिक्षा मित्र के रूप में कार्यरत हैं। उनका आरोप है कि प्रिंसिपल आयशा खातून हिंदू छात्रों को स्कूल में प्रवेश नहीं लेने देती और उनके प्रति भेदभावपूर्ण व्यवहार करती हैं।


प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप


नुसरत जहां के अनुसार, आयशा खातून हिंदू छात्रों से स्कूल के कमरों, मैदान और शौचालयों की सफाई कराती हैं। जब उन्होंने इस व्यवहार का विरोध किया, तो प्रिंसिपल ने उन्हें भी परेशान करना शुरू कर दिया। नुसरत ने यह भी कहा कि आयशा खातून ने कई बार उनके साथ धक्का-मुक्की की है।


पुलिस की प्रतिक्रिया


नुसरत जहां का कहना है कि आयशा खातून हिंदू छात्रों को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करती हैं। चांदपुर के पुलिस इंस्पेक्टर संजय कुमार तोमर ने बताया कि नुसरत की शिकायत की जांच की जा रही है।


जांच और कार्रवाई की प्रक्रिया


पुलिस इंस्पेक्टर ने कहा कि यदि जांच में आयशा खातून दोषी पाई जाती हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बिजनौर के बीएसए योगेंद्र सिंह ने भी स्कूल का दौरा किया और बताया कि दोनों शिक्षिकाओं के बीच आपसी विवाद की जानकारी मिली है।