बिछिया पहनने की परंपरा: स्वास्थ्य और सौभाग्य का प्रतीक
भारतीय संस्कृति में बिछिया पहनने की परंपरा का गहरा महत्व है। इसे सौभाग्य और लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित मनीष शर्मा के अनुसार, बिछिया को सही तरीके से पहनना आवश्यक है। यह न केवल पति की सेहत के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करती है। जानें बिछिया पहनने के फायदे और इसे पहनने की सही विधि के बारे में इस लेख में।
Aug 21, 2025, 03:36 IST
भारतीय संस्कृति में बिछिया का महत्व
भारतीय परंपरा में शादीशुदा महिलाओं के लिए बिछिया पहनने की एक विशेष मान्यता है। इसे सौभाग्य और लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, और इसे सही तरीके से पहनना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
ज्योतिषाचार्य पंडित मनीष शर्मा के सुझाव
उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित मनीष शर्मा के अनुसार:
- बिछिया को कभी भी पैर की दूसरी अंगुली से नहीं खोना चाहिए।
- इसे किसी और को उतारकर नहीं देना चाहिए।
- ऐसा करने से पति की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है।
बिछिया में लक्ष्मी का वास
- विवाहित महिलाओं को बिछिया दाहिने और बाएं पैर की दूसरी अंगुली में पहननी चाहिए।
- चांदी की बिछिया और पायल को लक्ष्मी का वाहन माना जाता है, इसलिए इन्हें संभालकर पहनना शुभ होता है।
बिछिया और स्वास्थ्य लाभ
- महिलाओं की पैर की दूसरी अंगुली की तंत्रिका गर्भाशय से जुड़ी होती है, जो हृदय से होकर गुजरती है।
- बिछिया पहनने से गर्भाशय स्वस्थ रहता है और रक्तचाप सामान्य बना रहता है।
- इसलिए, दाहिने और बाएं पैर की दूसरी अंगुली में बिछिया पहनना स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है।
निष्कर्ष
बिछिया पहनने की परंपरा सदियों पुरानी है और यह सौभाग्य का प्रतीक है। इसे खोना या दूसरों को देना मां लक्ष्मी की कृपा में बाधा डाल सकता है। सही अंगुली पर बिछिया पहनना न केवल शुभ है, बल्कि यह आपके और आपके परिवार की खुशहाली और स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है।