बालों की समस्या से निपटने के लिए आयुर्वेदिक उपाय
बालों के झड़ने की समस्या
आजकल बालों का झड़ना या गंजापन एक आम समस्या बन गई है। लोग इस समस्या से बचने के लिए विभिन्न केमिकल युक्त उत्पादों का सहारा लेते हैं, जो अक्सर स्थिति को और बिगाड़ देते हैं। बालों को सुंदरता का प्रतीक माना जाता है, और यह समस्या मुख्यतः महिलाओं में देखी जाती है, लेकिन पुरुष भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। अब आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि आयुर्वेद में इस समस्या का समाधान मौजूद है। सबसे पहले, यह समझना आवश्यक है कि बालों के झड़ने के पीछे क्या कारण हैं।
बालों की समस्या के प्रमुख कारण
बालों की समस्या के 10 मुख्य कारण इस प्रकार हैं
- शरीर में विटामिन की कमी से बाल गिरने लगते हैं।
- रोजाना कास्मेटिक शैंपू या साबुन से बाल धोना।
- बालों को रंगना या डाई करना।
- बालों को खींचना या ज्यादा कसकर बांधना।
- सिर में सफेद दाग होने से भी बाल गिर सकते हैं।
- अनुवांशिक कारण और मानसिक तनाव।
- खुशबूदार तेलों का अत्यधिक उपयोग।
- रक्त विकार, दाद, एग्जिमा आदि से भी बालों की समस्या होती है।
- हैलमेट का लंबे समय तक उपयोग।
- बेवजह तनाव लेना।
बालों की समस्या से बचाने वाला तेल बनाने की विधि
60-70 ग्राम पत्ते (लाल या पीले) लें और उन्हें अच्छे से धोकर सुखा लें। फिर एक लीटर सरसों, नारियल या जैतून का तेल लें और उसमें पत्ते डालें। इसे गर्म करें, जब पत्ते जलकर काले हो जाएं, तो उन्हें निकालकर तेल को ठंडा कर लें और छानकर बोतल में भर लें।
उपयोग करने का तरीका
जहां बाल नहीं हैं, वहां थोड़े से तेल से 2 मिनट तक मालिश करें। इसे रात में सोते समय या दिन में काम पर जाने से पहले भी लगाया जा सकता है।
परिणाम
एक महीने में आपको परिणाम दिखने लगेंगे। 10 दिन के भीतर बाल झड़ना कम हो जाएगा और नए बाल भी उगने लगेंगे। यह उपाय पूरी तरह से परीक्षण किया गया है। हमने कम से कम 10 लोगों पर इसका सफल परीक्षण किया है। एक महिला के बाल 14 साल से गिर रहे थे, लेकिन इस तेल से 6 दिन में ही बाल गिरना बंद हो गया।
कृपया ध्यान दें
पीले पत्ते वही लें जो पेड़ पर पककर पीले हो जाएं।