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बाल तस्करी और यौन तस्करी पर उच्चतम न्यायालय की महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ

उच्चतम न्यायालय ने बाल तस्करी और यौन तस्करी की गंभीर स्थिति पर चिंता जताई है। न्यायालय ने नाबालिग पीड़ितों की गवाही को महत्व देने की आवश्यकता पर जोर दिया है। यह टिप्पणियाँ एक विशेष मामले की सुनवाई के दौरान की गईं, जिसमें अदालत ने पीड़ितों के साक्ष्यों के न्यायिक मूल्यांकन की संवेदनशीलता पर ध्यान केंद्रित किया। जानें और क्या कहा गया है इस महत्वपूर्ण सुनवाई में।
 

बाल तस्करी और यौन तस्करी की गंभीरता पर उच्चतम न्यायालय का ध्यान

देश में बाल तस्करी और यौन व्यापार की स्थिति को लेकर उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को चिंता व्यक्त की। न्यायालय ने कहा कि यौन तस्करी के शिकार, विशेषकर नाबालिगों की गवाही को गंभीरता और विश्वसनीयता के साथ लिया जाना चाहिए।


न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने यह भी कहा कि अदालतों को नाबालिग पीड़ितों के साक्ष्यों का मूल्यांकन करते समय उनकी सामाजिक-आर्थिक और कभी-कभी सांस्कृतिक असुरक्षा को ध्यान में रखना चाहिए, खासकर जब वे हाशिये पर पड़े या सामाजिक रूप से पिछड़े समुदाय से संबंधित हों।


यह टिप्पणियाँ लड़कियों की बाल तस्करी से संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान की गईं। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि पीड़ितों के साक्ष्यों का न्यायिक मूल्यांकन संवेदनशीलता और यथार्थवाद के साथ होना चाहिए।