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बारिश के मौसम में उमस: जानें इसके कारण और प्रभाव

बारिश के मौसम में उमस से लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह न केवल असहजता का कारण बनता है, बल्कि स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इस लेख में, हम उमस के कारण, इसके प्रभाव और इससे बचने के उपायों पर चर्चा करेंगे। जानें कि कैसे बारिश के बाद का मौसम चिपचिपा हो सकता है और इससे प्रभावित होने वाले लोगों के लिए क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए।
 

बारिश के मौसम में उमस का प्रभाव

बारिश के मौसम में ह्यूमिडिटी से लोगों का बुरा हाल हो जाता है. अक्सर लोग उमस शब्द का इस्तेमाल तो करते हैं, लेकिन यह नहीं जानते कि उमस आखिर क्या है. चलिए इससे जुड़ी जरूरी बातें जान लेते हैं.


बरसात में चिपचिपापन: बारिश के मौसम में अधिकांश लोग शरीर की चिपचिपाहट से परेशान रहते हैं. लोग एक ही बात कहते हैं कि बहुत उमस है और पसीना सूख नहीं रहा है. उमस एक ऐसा शब्द है, जिसका जिक्र बारिश के मौसम में खूब होता है. हालांकि बहुत कम लोग ही जानते हैं कि उमस (Humidity) वास्तव में क्या होती है और यह शरीर पर इतना असहज असर क्यों डालती है. बारिश के मौसम में अक्सर जब तापमान बहुत ज्यादा नहीं होता, फिर भी शरीर भारी और थका-थका लगता है. इसका कारण उमस हो सकती है. उमस के बारे में कई चौंकाने वाली बातें जान लीजिए.


एक्सपर्ट्स की मानें तो उमस का मतलब है वातावरण में अत्यधिक जलवाष्प (Water Vapour) की मौजूदगी. आसान भाषा में कहें तो हवा में इतनी नमी होती है कि त्वचा से निकलने वाला पसीना सूख नहीं पाता है. वैज्ञानिक भाषा में इसे रिलेटिव ह्यूमिडिटी कहते हैं, जो बताती है कि हवा में अधिकतम कितनी नमी हो सकती है और वर्तमान में कितनी है. जब यह प्रतिशत 60 से ऊपर चला जाता है, तब हम ‘उमस’ महसूस करने लगते हैं और 80–90% पर यह काफी असहज हो जाती है.


हमारा शरीर गर्म होने पर पसीने के जरिए खुद को ठंडा करने की कोशिश करता है. सामान्य हालात में यह पसीना त्वचा से वाष्प बनकर उड़ जाता है, जिससे शरीर को ठंडक मिलती है. लेकिन जब उमस ज्यादा होती है, तो हवा पहले से ही जलवाष्प से भरी होती है और पसीना सूख नहीं पाता है. यह त्वचा पर ही जमा रहता है, जिससे शरीर चिपचिपा और गीला महसूस होता है.


बारिश के मौसम में हवा में नमी का स्तर सबसे ज्यादा होता है. बारिश से पहले और बाद में वातावरण में जलवाष्प बहुत अधिक होता है. बारिश ठंडक लाती है, लेकिन उसके बाद जब सूरज निकलता है, तो वह पानी को वाष्प बनाकर हवा में भर देता है. यही वजह है कि बारिश के बाद उमस ज्यादा महसूस होती है. बारिश के बाद मौसम ठंडा नहीं बल्कि ज्यादा चिपचिपा हो सकता है.


उमस का असर सभी पर होता है, लेकिन बुजुर्ग, हार्ट डिजीज के मरीज, हाई बीपी के मरीज, गर्भवती महिलाएं और मोटापे से ग्रसित लोग इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं. बच्चों को भी इससे जल्दी थकावट और चिड़चिड़ापन महसूस होता है. उमस से शरीर का तापमान संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और घबराहट जैसी समस्याएं हो सकती हैं.