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बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा BSF जवान का अपहरण: सुरक्षा चिंताएं बढ़ीं

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में एक BSF जवान का बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा अपहरण की घटना ने सुरक्षा चिंताओं को जन्म दिया है। जवान को बांग्लादेश की सीमा में ले जाया गया, लेकिन बीएसएफ की तत्परता से उसे कुछ घंटों में रिहा कर दिया गया। इस घटना ने दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग की आवश्यकता को उजागर किया है। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
 

बांग्लादेशी नागरिकों ने BSF जवान का अपहरण किया

बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा BSF जवान का अपहरण: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें बांग्लादेशी नागरिकों ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) के एक जवान को अगवा कर लिया और उसे अंतरराष्ट्रीय सीमा पार ले गए।


यह घटना बुधवार की सुबह नूरपुर क्षेत्र के सुतियार में स्थित बीएसएफ कैंप के निकट चांदनी चौक में हुई।


BSF जवान का अपहरण


मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, प्रारंभ में यह बताया गया कि 71वीं बटालियन के जवान श्रीगणेश, घुसपैठियों का पीछा करते समय गलती से बांग्लादेश की सीमा में चले गए थे। हालांकि, बीएसएफ की आंतरिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि जवान भारतीय सीमा में ही थे और उन्हें बलात्कारी तरीके से बांग्लादेश ले जाया गया।


बीएसएफ के सूत्रों ने बताया कि यह घटना उस समय हुई जब जवान कथलिया गांव के पास बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ को रोकने में लगे थे। इसी दौरान, चपई नवाबगंज जिले से आए कुछ असामाजिक तत्वों ने उन्हें पकड़ लिया। जवान ने मानवीयता दिखाते हुए कुछ बांग्लादेशियों को बातचीत के लिए पास आने दिया, लेकिन उन्होंने धोखा देकर जवान का अपहरण कर लिया।


BSF ने तुरंत BGB को सूचित किया


इस मामले में, बीएसएफ ने तुरंत बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के अधिकारियों से संपर्क किया और इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया। बीएसएफ की तत्परता के बाद, बांग्लादेशी अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया और जवान को कुछ घंटों में रिहा कर दिया। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की है कि जवान सुरक्षित हैं और अब अपनी यूनिट के साथ लौट चुके हैं। यह घटना सीमा सुरक्षा के गंभीर सवाल उठाती है और दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करने की आवश्यकता को दर्शाती है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।