बांग्लादेश में हिंसा के बीच शेख हसीना का भारत के साथ संबंधों पर जोर
बांग्लादेश में बिगड़ती स्थिति
शेख हसीना.
बांग्लादेश में हालात फिर से बिगड़ गए हैं। अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसके साथ ही भारत विरोधी प्रदर्शनों में भी तेजी आई है। इस संदर्भ में, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि यूनुस के शासन में कानून व्यवस्था बिगड़ गई है। उन्होंने कहा कि हिंसा अब सामान्य हो गई है और भारत विरोधी प्रदर्शन देश के हित में नहीं हैं। हमारी खुशहाली और सुरक्षा भारत के साथ अच्छे संबंधों पर निर्भर करती है।
पिछले साल ढाका में छात्रों और अन्य लोगों के बड़े प्रदर्शनों के बीच, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ई-मेल के माध्यम से एक इंटरव्यू में इस्लामी प्रभाव और सुरक्षा मुद्दों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “मैं समझती हूं कि बड़ी संख्या में बांग्लादेशी लोग उस सुरक्षित, धर्मनिरपेक्ष देश को याद करते हैं जो हम कभी थे।”
यूनुस की नीतियों पर सवाल
‘यूनुस का अनुभव संदिग्ध’
उन्होंने आगे कहा, “यूनुस ने चरमपंथियों को महत्वपूर्ण पदों पर बिठाया है, जबकि आतंकवादियों को जेल से रिहा किया गया है। वह एक राजनेता नहीं हैं और उन्हें देश चलाने का कोई अनुभव नहीं है। मुझे डर है कि कट्टरपंथी लोग उनका इस्तेमाल कर रहे हैं।”
पूर्व पीएम ने कहा कि यह स्थिति न केवल भारत के लिए, बल्कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र में स्थिरता में निवेश करने वाले सभी देशों के लिए चिंता का विषय है। बांग्लादेश की धर्मनिरपेक्ष राजनीति हमारी ताकत थी, और इसे कुछ चरमपंथियों की सनक पर बर्बाद नहीं होने देना चाहिए।
भारत के साथ संबंधों की अहमियत
‘चिकन नेक’ पर बयान की निंदा
भारत के उत्तर-पूर्व राज्यों और ‘चिकन नेक’ के संदर्भ में शेख हसीना ने कहा, “ऐसे बयान बेहद खतरनाक और गैर-जिम्मेदार हैं। कोई भी गंभीर नेता अपने पड़ोसी देश को धमकी नहीं देगा, जिस पर बांग्लादेश व्यापार और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए निर्भर है।”
उन्होंने कहा, “यह बयानबाजी केवल वैचारिक कल्पनाओं को पूरा करती है और बांग्लादेश के राष्ट्रीय हितों को नहीं दर्शाती। भारत को इस तरह की चिंताओं का अधिकार है।”
हिंसा और सुरक्षा के मुद्दे
‘हादी की हत्या कानून-व्यवस्था की कमी’
शेख हसीना ने युवा नेता उस्मान हादी की हत्या पर कहा, “यह दुखद घटना कानून-व्यवस्था की कमी को दर्शाती है। हिंसा अब आम बात हो गई है, और अंतरिम सरकार इसे रोकने में असफल रही है।”
उन्होंने अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा पर निराशा व्यक्त की और कहा, “भारत इस अराजकता और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार को देख रहा है। जब आप अपनी सीमाओं के भीतर व्यवस्था नहीं रख सकते, तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आपकी विश्वसनीयता खत्म हो जाती है।”
भारत की चिंता को सही ठहराया
‘यूनुस की नीतियों का प्रभाव’
यूनुस पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, “इन चरमपंथियों को यूनुस सरकार ने बढ़ावा दिया है। ये वही लोग हैं जिन्होंने भारतीय दूतावास पर प्रदर्शन किया और अल्पसंख्यकों पर हमले किए।”
उन्होंने आगे कहा, “भारत की ओर से जताई गई सुरक्षा चिंताएं सही हैं। एक जिम्मेदार सरकार को अपने डिप्लोमैटिक मिशन की सुरक्षा करनी चाहिए।”
आगामी चुनावों पर विचार
‘अवामी लीग के बिना चुनाव नहीं’
शेख हसीना ने आगामी चुनावों के संदर्भ में कहा, “अवामी लीग के बिना चुनाव, चुनाव नहीं बल्कि राज्याभिषेक होगा। यूनुस बिना किसी वोट के शासन कर रहे हैं और अब वह उस पार्टी पर बैन लगाना चाहते हैं जिसे लोगों ने बार-बार चुना है।”
उन्होंने कहा, “अगर अवामी लीग पर बैन जारी रहा, तो लाखों लोग वोट देने के अधिकार से वंचित रह जाएंगे।”
ICT के फैसले पर प्रतिक्रिया
‘ICT का फैसला राजनीतिक प्रतिशोध’
पूर्व पीएम ने ICT के फैसले पर कहा, “यह पूरी तरह से राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है। मुझे अपना बचाव करने का अधिकार नहीं दिया गया।”
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की संस्थाओं में उनका विश्वास बना हुआ है और जब वैध शासन बहाल होगा, तो न्याय मिलेगा।
भारत की मेहमाननवाजी की सराहना
शेख हसीना ने भारत में मिले शरण की सराहना करते हुए कहा, “मैं आभारी हूं कि भारत ने हमारी मेहमाननवाजी बनाए रखने में एकजुटता दिखाई है।”