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बांग्लादेश में हिंसक विरोध पर गिरिराज सिंह की प्रतिक्रिया

बांग्लादेश में हालिया हिंसक विरोध प्रदर्शनों पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इसे एक दुखद घटना बताया और कहा कि यह धर्मनिरपेक्षता की बात करने वालों के लिए चिंताजनक है। सिंह ने बांग्लादेश की स्थिति को पाकिस्तान के नक्शेकदम पर चलते हुए खेदजनक बताया। भाजपा के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष ने भी कट्टरपंथियों के हाथों में स्थिति होने की बात कही। इस बीच, राज्यसभा सदस्य ने कट्टरपंथ के खिलाफ एकजुटता की आवश्यकता पर जोर दिया।
 

बांग्लादेश में हालिया हिंसा पर केंद्रीय मंत्री की टिप्पणी

बांग्लादेश में हुए हालिया हिंसक विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिक्रिया देते हुए, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इसे एक दुखद घटना करार दिया। उन्होंने शुक्रवार को संसद के बाहर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह घटना विशेष रूप से उन लोगों के लिए चिंताजनक है, जो भारत में धर्मनिरपेक्षता की बात करते हैं। ऐसी घटनाएं गंभीर सवाल उठाती हैं और इन पर गहराई से विचार करने की आवश्यकता है।


बांग्लादेश की स्थिति पर चिंता

गिरिराज सिंह ने बांग्लादेश की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह खेदजनक है कि बांग्लादेश पाकिस्तान के रास्ते पर चल रहा है। उन्होंने ममता बनर्जी जैसे नेताओं का उल्लेख किया, जो भारत को बांग्लादेश में बदलने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने भी इस स्थिति को दुर्भाग्यपूर्ण बताया, यह कहते हुए कि बांग्लादेश, जिसकी स्थापना में भारत ने मदद की, अब हमारे खिलाफ हो रहा है। नेपाल और श्रीलंका की वर्तमान स्थिति और पाकिस्तान में हुई घटनाएं कूटनीतिक जिम्मेदारी के महत्व को दर्शाती हैं।


भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई की प्रतिक्रिया

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने बांग्लादेश की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि घटनाओं के पीछे कट्टरपंथियों का हाथ है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कट्टरपंथियों का स्थिति पर नियंत्रण है। भट्टाचार्य ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय स्थिति को उचित तरीके से संभाल रहे हैं और उसी के अनुसार प्रतिक्रिया देंगे।


कट्टरपंथ के खिलाफ एकजुटता की आवश्यकता

राज्यसभा सदस्य ने संवाददाता सम्मेलन में बांग्लादेश की स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा, “बांग्लादेश में कट्टरपंथ और चरमपंथ कैंसर की तरह फैल रहा है। सभी सही सोच वाले लोगों को इस खतरे का सामना करने के लिए एकजुट होना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि 1980 के दशक से बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतें अपनी जड़ें फैला रही हैं, और यह अब एक गंभीर समस्या बन चुकी है। स्वतंत्र विचारक और उदारवादी भी हमलों का शिकार हो रहे हैं। पूरी दुनिया कट्टरपंथ के प्रभावों का सामना कर रही है, और केवल एक राष्ट्रवादी सरकार और पार्टी ही इन चुनौतियों का सामना कर सकती है।