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बांग्लादेश में शेख हसीना को मौत की सजा के बाद स्थिति तनावपूर्ण

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद देश में भारी अशांति फैल गई है। राजनीतिक तनाव के कारण भारत-बांग्लादेश सीमा पर आवाजाही में कमी आई है, और केवल चिकित्सा उद्देश्यों के लिए वीजा जारी किए जा रहे हैं। स्थानीय व्यवसायों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, जिससे मुद्रा विनिमय, होटल और परिवहन सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। इस स्थिति में कई नागरिकों ने चिंता व्यक्त की है, जबकि कुछ लोग चुप रहना पसंद कर रहे हैं।
 

बांग्लादेश में अशांति का माहौल

शेख हसीना.

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अंतरिम सरकार द्वारा मौत की सजा सुनाए जाने के बाद देश में भारी अशांति फैल गई है। हालात फिर से तनावपूर्ण हो गए हैं, जिसका असर भारत-बांग्लादेश सीमा पर भी देखा जा रहा है। सीमा पार आवाजाही में काफी कमी आई है, और वीजा केवल चिकित्सा उद्देश्यों के लिए ही जारी किए जा रहे हैं।

पेट्रापोल सीमा, जो पहले हमेशा भीड़ से भरी रहती थी, अब लगभग सुनसान है। ढाका में राजनीतिक तनाव बढ़ने के कारण भारत और बांग्लादेश के बीच यात्रा ठप हो गई है। अधिकारियों ने केवल मेडिकल वीज़ा जारी करने का निर्णय लिया है, जिससे सीमा पार आवाजाही बहुत सीमित हो गई है। मंगलवार (18 नवंबर) को कुछ ही यात्री भारत में प्रवेश करते देखे गए।

शेख हसीना को सुनाई गई मौत की सजा

यह महत्वपूर्ण बदलाव बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा शेख हसीना को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद आया है, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (आईसीटी) ने उन्हें ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ के मामले में फांसी की सजा सुनाई है। 78 वर्षीय शेख हसीना को पिछले साल छात्र आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और मौतों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।

सजा पर बांग्लादेशी नागरिकों की प्रतिक्रिया

बांग्लादेशी नागरिक प्रशांत मजूमदार ने कहा, ‘मैं इस फैसले का समर्थन नहीं करता। इतने लंबे समय तक देश पर राज करने वाले को मौत की सजा कैसे दी जा सकती है? शेख हसीना के समय में समस्याएं कम थीं। अब हर जगह समस्याएं बढ़ रही हैं।’

कुछ लोग चुप्पी साधे हुए हैं

जहां कई लोग भय और अनिश्चितता व्यक्त कर रहे हैं, वहीं कुछ ने कहा कि वे इस अस्थिर स्थिति में चुप रहना पसंद करेंगे। विकास कुमार दास ने कहा, ‘मुझे राजनीति समझ नहीं आती। मैंने तो बस इतना सुना है कि सजा का ऐलान हो गया है। कानून अपना काम करेगा। मैं कुछ नहीं कह सकता।’

यात्रा में गिरावट का असर

यात्रा में अचानक आई गिरावट का सीधा असर सीमा पार के स्थानीय व्यवसायों पर पड़ रहा है। आवाजाही कम होने से मुद्रा विनिमय काउंटर, होटल और परिवहन संचालकों को भारी नुकसान हो रहा है। मुद्रा विनिमय सचिव चित्तरंजन दास ने बताया, ‘व्यापार बहुत बुरा चल रहा है। यात्री लगभग शून्य हैं। केवल मेडिकल वीज़ा ही आ रहे हैं। कोई और वीज़ा जारी नहीं हो रहा है। हम गंभीर कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।’

सीमा पर कड़े प्रतिबंध

बांग्लादेश राजनीतिक उथल-पुथल से गुजर रहा है, जिसका असर भारतीय सीमा पर साफ दिखाई दे रहा है। व्यापार से लेकर पर्यटन तक, सब कुछ काफी धीमा पड़ गया है। हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं, इसलिए दोनों पक्षों के अधिकारी घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहे हैं। बांग्लादेश में स्थिरता आने तक सीमा पर कड़े प्रतिबंध लागू रहने की संभावना है।