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बांग्लादेश में बेटी को पिता की पत्नी बनने की अजीब प्रथा

बांग्लादेश में एक अजीब प्रथा है, जिसमें बेटी को अपने पिता की पत्नी बनना पड़ता है। यह प्रथा मंडी जनजाति में प्रचलित है और इसके पीछे सामाजिक सुरक्षा का एक कारण है। ओरेला नाम की एक महिला ने अपनी कहानी साझा की, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे वह इस प्रथा का हिस्सा बनीं। जानें इस प्रथा के बारे में और इसके प्रभावों के बारे में।
 

रिश्तों की अजीब प्रथा

दुनिया में कई अजीबोगरीब परंपराएं हैं, जिन पर विश्वास करना कठिन हो जाता है। विकसित समाज में रिश्तों का एक जटिल ताना-बाना होता है, जिसमें लोग एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। रिश्तों की अपनी सीमाएं होती हैं, और जब ये टूटती हैं, तो अजीब प्रथाएं जन्म लेती हैं।


बेटी को पिता की पत्नी बनना पड़ता है

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि बांग्लादेश में एक ऐसी प्रथा है, जहां बेटी को अपने पिता की पत्नी बनना पड़ता है। यह प्रथा एक जनजाति में प्रचलित है, जो इस अजीबोगरीब परंपरा को मानती है।


कुप्रथा का कारण

बांग्लादेश की मंडी जनजाति में यह प्रथा आज भी जीवित है। इसके पीछे का कारण यह है कि यदि किसी महिला के पति की मृत्यु हो जाती है, तो वह जिस व्यक्ति से दोबारा शादी करती है, वह केवल उसका पति नहीं होता, बल्कि उसकी संतान भी उसके पति के रूप में मानी जाती है। इस परंपरा का मानना है कि इससे महिला और उसकी बेटी को सामाजिक सुरक्षा मिलती है।


ओरेला की कहानी

मंडी जनजाति की एक महिला ओरेला ने इस प्रथा के बारे में अपने अनुभव साझा किए। ओरेला, जो अब 30 वर्ष की हैं, ने बताया कि जब वह केवल तीन साल की थीं, तब उनके पिता का निधन हो गया। इसके बाद उनकी मां ने दूसरी शादी की। जब वह बड़ी हुईं, तो उन्हें पता चला कि उनका दूसरा पति वास्तव में उनके लिए पति के रूप में भी माना जाता है। यह जानकर उन्हें लगा जैसे वह किसी सपने में हैं, लेकिन यह सच था।


प्रथा की जड़ें

यह प्रथा बांग्लादेश में सामाजिक संरचना का एक हिस्सा बन चुकी है, जो कई पीढ़ियों से चली आ रही है। इस तरह की परंपराएं समाज में जड़ें जमा चुकी हैं, और इन्हें बदलना आसान नहीं है।