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बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा पर शशि थरूर की चिंता

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बांग्लादेश में हाल की हिंसा और मीडिया पर हमलों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह घटनाएं प्रेस की स्वतंत्रता और समाज पर गंभीर खतरा हैं। थरूर ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से शांति बहाल करने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है। इसके अलावा, उन्होंने हाल ही में हुई अशांति और विरोध प्रदर्शनों के कारणों पर भी प्रकाश डाला। जानें इस मुद्दे पर उनकी पूरी राय और बांग्लादेश की स्थिति के बारे में अधिक जानकारी।
 

बांग्लादेश में मीडिया पर हमले की चिंता

कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने बांग्लादेश में हाल ही में हुई हिंसा, विशेषकर मीडिया संस्थानों और पत्रकारों पर हमलों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह केवल संस्थानों पर हमले नहीं हैं, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता और एक विविध समाज पर सीधा हमला है।


मीडिया संस्थानों पर हमले की जानकारी

थरूर ने बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्रों, प्रोथोम आलो और द डेली स्टार के कार्यालयों पर भीड़ द्वारा जानबूझकर किए गए हमलों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मीडिया कार्यालयों को जलाना और पत्रकारों को धमकी देना अत्यंत चिंताजनक और अस्वीकार्य है। इसके साथ ही, उन्होंने द डेली स्टार के संपादक महफूज़ अनम और अन्य पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की।


सुरक्षा चिंताओं पर थरूर की प्रतिक्रिया

थरूर ने X पर लिखा, "जब पत्रकारों के कार्यालयों में आग लगाई जा रही हो, तो उन्हें अपनी जान के डर से परेशान करने वाले संदेश नहीं भेजने चाहिए।"


वीज़ा सेवाओं के निलंबन पर चिंता

कांग्रेस सांसद ने खुलना और राजशाही में भारतीय सहायक उच्चायोगों द्वारा वीज़ा सेवाओं के निलंबन पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे आम जनता, विशेषकर छात्रों, मरीजों और परिवारों के लिए एक बड़ा झटका बताया, जो सीमा पार यात्रा पर निर्भर हैं।


चुनावों पर प्रभाव

थरूर ने कहा कि यह रुकावट ऐसे समय में आई है जब बांग्लादेश के बीच संबंध और लोगों की आवाजाही सामान्य हो रही थी। उन्होंने चेतावनी दी कि 12 फरवरी, 2026 को होने वाले राष्ट्रीय चुनावों के लिए हिंसा और असहिष्णुता का मौजूदा माहौल गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।


अंतरिम सरकार से अपील

थरूर ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से शांति बहाल करने के लिए ठोस और तात्कालिक कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने पत्रकारों की सुरक्षा, राजनयिक मिशनों की सुरक्षा, और बातचीत के माध्यम से कानून-व्यवस्था बहाल करने की आवश्यकता पर जोर दिया।


बांग्लादेश में अशांति का कारण

बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन के नेता उस्मान हादी की हत्या के बाद बड़े पैमाने पर अशांति देखी जा रही है। उन्हें इस महीने की शुरुआत में ढाका में गोली मारी गई थी और बाद में सिंगापुर के अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई।


विरोध प्रदर्शनों की स्थिति

उनका शव ढाका लाए जाने के बाद विरोध प्रदर्शन तेज हो गए, जिससे सड़कें जाम हो गईं और शाहबाग चौराहे के पास झड़पों की खबरें आईं। विरोध प्रदर्शनों के दौरान, दो समाचार पत्रों के कार्यालयों में आग लगा दी गई, और राजधानी के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया गया।