बांग्लादेश में नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा
शरीफ उस्मान हादी का निधन
ढाका: बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नेता शरीफ उस्मान हादी का गुरुवार रात निधन हो गया। उन्हें पिछले सप्ताह गोली मारी गई थी और सिंगापुर में उनका इलाज चल रहा था। हादी पर 12 दिसंबर को ढाका में चुनाव प्रचार के दौरान हमला हुआ था। सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने उनकी मौत की पुष्टि की। उनकी मौत की खबर के बाद बांग्लादेश में हिंसा भड़क उठी।
हिंसक प्रदर्शन और आगजनी
इंकलाब मंच ने हादी की मौत की पुष्टि की। पार्टी की नेता फातिमा तसनीम जुमा ने फेसबुक पर उन्हें शहीद बताया। हादी की मौत की खबर सुनते ही ढाका के शाहबाग में हजारों लोग इकट्ठा हो गए। प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों पर हादी की सुरक्षा में विफल रहने का आरोप लगाया।
प्रदर्शनकारियों ने कारवां बाजार में स्थित प्रमुख अखबार प्रथम आलो के दफ्तर में आग लगा दी। इसके बाद डेली स्टार के कार्यालय पर भी पथराव किया गया। स्थानीय मीडिया के अनुसार, कई लोग इन दफ्तरों के अंदर फंस गए। राजशाही में प्रदर्शनकारियों ने शेख मुजीबुर रहमान के आवास को भी आग के हवाले कर दिया।
भारत के उप उच्चायुक्त के घर पर हमला
हादी की मौत के बाद चटगांव में प्रदर्शनकारी भारत के उप उच्चायुक्त के आवास के बाहर इकट्ठा हुए और पथराव किया। इस दौरान अवामी लीग और भारत के खिलाफ नारेबाजी की गई। प्रदर्शनकारियों ने भारतीय आक्रमण समाप्त करने और लीग के सदस्यों को पकड़ने की मांग की।
हिंसा के बीच, अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने शांति बनाए रखने की अपील की और लोगों से कानून अपने हाथ में न लेने का आग्रह किया।
राष्ट्रीय शोक की घोषणा
मोहम्मद यूनुस ने हादी की मौत पर एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया। उन्होंने कहा कि यह एक दुखद घटना है और इसे जघन्य हत्या करार दिया। यूनुस ने हत्यारों को पकड़ने का वादा किया और कहा कि इसमें शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने हादी को शहीद बताते हुए कहा कि वह फासीवादी ताकतों के खिलाफ थे। यूनुस ने हादी की पत्नी और एकमात्र बच्चे की जिम्मेदारी लेने का भी आश्वासन दिया। उन्होंने सभी से धैर्य और संयम बरतने की अपील की। ढाका के कई हिस्सों में सुरक्षा स्थिति अस्थिर बनी रही।