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बांग्लादेश में नाजनीन मुन्नी को मिली धमकी: कट्टरपंथियों का बढ़ता आतंक

बांग्लादेश में पत्रकार नाजनीन मुन्नी को कट्टरपंथियों द्वारा धमकी दी गई है, जिससे देश में तनाव बढ़ गया है। नाजनीन, जो ग्लोबल टीवी में न्यूज़ हेड हैं, ने सोशल मीडिया पर इस धमकी का खुलासा किया। उनके नाम का धार्मिक अर्थ भी चर्चा का विषय बना हुआ है। जानें बांग्लादेश में हालात कैसे बिगड़ रहे हैं और नाजनीन की कहानी के पीछे की सच्चाई।
 

बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा और नाजनीन मुन्नी का मामला

बांग्लादेश की प्रमुख पत्रकार नाजनीन मुन्नी

बांग्लादेश में हालात बेहद खराब हो चुके हैं, जहां कट्टरपंथी तत्वों ने माहौल को बिगाड़ने की कोशिशें तेज कर दी हैं। हाल ही में, कुछ कट्टरपंथियों ने प्राइवेट चैनल ग्लोबल टीवी के कर्मचारियों को धमकी दी है कि वे नाजनीन मुन्नी को उनके पद से हटाएं। नाजनीन बांग्लादेश में एक प्रसिद्ध नाम हैं और अक्सर चर्चा का विषय बनी रहती हैं। आइए जानते हैं कि नाजनीन कौन हैं और उनके नाम का धार्मिक अर्थ क्या है…

कट्टरपंथियों ने नाजनीन मुन्नी को धमकी दी है कि अगर उन्होंने नौकरी नहीं छोड़ी, तो उनके ऑफिस को आग लगा दी जाएगी। यह धमकी एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट के नाम पर आई थी, जब 7-8 लोगों का एक समूह उनके ऑफिस पहुंचा।

नाजनीन इस घटना को मीडिया पर हो रहे हमलों का हिस्सा मानती हैं। हाल के दिनों में कई मीडिया संस्थानों में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुई हैं, जिससे बांग्लादेश में तनाव बढ़ गया है। नाजनीन की पोस्ट ने सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा को जन्म दिया है, और लोग इसे पत्रकारों की सुरक्षा के लिए खतरा मान रहे हैं। कट्टरपंथी उन्हें अवामी लीग का समर्थक मानते हैं, जिसे उन्होंने खारिज किया है.

नाजनीन मुन्नी का परिचय

नाजनीन मुन्नी वर्तमान में ग्लोबल टीवी बांग्लादेश में न्यूज़ हेड के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने जुलाई 2025 में इस चैनल को जॉइन किया था। इससे पहले, वह DBC न्यूज में असाइनमेंट एडिटर थीं और वहां उन्होंने मशहूर टॉक शो “राजकाहोन” की मेज़बानी की थी।

नाजनीन का धार्मिक अर्थ

नाजनीन एक फारसी शब्द है, जिसका अर्थ होता है सुंदर, नाजुक, प्यारी और मनमोहक। यह शब्द मुस्लिम समुदाय में लड़कियों के लिए प्रचलित है और फारसी साहित्य में भी इसका उल्लेख मिलता है।

बांग्लादेश में हिंसा का कारण

बांग्लादेश में हिंसा उस समय भड़की जब 12 दिसंबर को युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या कर दी गई। उनकी मौत के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए। ढाका में कई मीडिया संस्थानों और एक पूर्व मंत्री के घर पर आगजनी की घटनाएं हुईं। हादी छात्र-नेतृत्व वाले समूह इंकलाब मंच के प्रवक्ता थे और उनकी हत्या के बाद एक दिन का राजकीय शोक भी मनाया गया। कट्टरपंथियों ने हिंदुओं को भी निशाना बनाया है, जैसे कि 25 वर्षीय गारमेंट फैक्ट्री वर्कर दीपू चंद्र दास को ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर मार डाला गया।

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