बांग्लादेश में ईशनिंदा के झूठे आरोप पर युवक की हत्या: जांच में खुलासा
बांग्लादेश के मैमन सिंह में 25 वर्षीय हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या के मामले में जांच में यह सामने आया है कि वह निर्दोष था। ईशनिंदा के झूठे आरोपों के चलते उसकी जान गई। पुलिस ने पुष्टि की है कि दीपू ने ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की थी जिससे धार्मिक भावनाएं आहत होतीं। इस घटना के बाद सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है और अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जानें इस मामले की पूरी कहानी और सरकार की प्रतिक्रिया।
Dec 21, 2025, 12:41 IST
घटना का विवरण
बांग्लादेश के मैमन सिंह में ईशनिंदा के आरोप में मारे गए 25 वर्षीय हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की जांच में महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। पुलिस की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि दीपू ने ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की थी जिससे किसी की धार्मिक भावनाएं आहत होतीं। वह पूरी तरह निर्दोष था और केवल अफवाहों के चलते उसकी जान गई।
क्या हुआ था?
मैमनसिंह की एक गारमेंट फैक्ट्री में काम करने वाले दीपू के बारे में अफवाह फैली कि उसने इस्लाम के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की है। उत्तेजित भीड़ ने उसे फैक्ट्री से खींचकर बाहर निकाला और उसकी बुरी तरह पिटाई कर दी, जिससे उसकी हत्या हो गई।
हत्या के बाद, भीड़ ने दीपू के शव को एक पेड़ से लटकाकर आग लगा दी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया था।
जांच में सच आया सामने
बांग्लादेश के आतंकवाद विरोधी बल ने यह स्पष्ट किया है कि दीपू के फेसबुक या बातचीत में ईशनिंदा का कोई प्रमाण नहीं मिला है। फैक्ट्री के सहकर्मियों ने भी ऐसी किसी बात की पुष्टि नहीं की।
सरकार का रुख
मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सरकार का कहना है कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है और दोषियों को कठोर सजा दी जाएगी।