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बस्ती अस्पताल में फर्जी डॉक्टर की गिरफ्तारी, लापरवाही का मामला उजागर

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के अस्पताल में एक फर्जी डॉक्टर की गिरफ्तारी ने चिकित्सा प्रणाली में लापरवाही की गंभीरता को उजागर किया है। जब तीमारदारों ने एक व्यक्ति को डॉक्टर के रूप में मरीजों का इलाज करते पकड़ा, तो यह मामला और भी चौंकाने वाला बन गया। घटना के दौरान एक गंभीर मरीज की मौत हो गई, जिसके बाद अस्पताल प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठने लगे। जानें इस घटना के सभी पहलुओं के बारे में।
 

बस्ती अस्पताल में फर्जी डॉक्टर की पहचान

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के जिला अस्पताल में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां तीमारदारों ने एक नकली डॉक्टर को इमरजेंसी वार्ड में मरीजों का इलाज करते हुए पकड़ लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, राज कुमार नामक व्यक्ति ने डॉक्टर की तरह मास्क और स्टेथोस्कोप पहन रखा था और खुद को एक वरिष्ठ चिकित्सक बताकर गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज करने लगा।


इसकी असलियत तब सामने आई जब एक गंभीर मरीज के परिवार ने उससे दवाइयाँ लिखने के लिए कहा। उसने जवाब देने के बजाय कहा कि वह वार्डन से पूछकर बताएगा, जिससे उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे। जल्द ही, उसके परिजनों और रिश्तेदारों ने उससे पूछताछ की और यह स्पष्ट हुआ कि वह एक धोखेबाज़ है। अंततः, लोगों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।


घटना का विवरण और अस्पताल की लापरवाही

यह घटना तब हुई जब एक व्यक्ति अपनी पत्नी को गंभीर स्थिति में अस्पताल लाया। परिवार का आरोप है कि लगभग दो घंटे तक उसका इलाज नहीं किया गया, जिसके बाद उसकी मृत्यु हो गई। इस दौरान, फर्जी डॉक्टर आपातकालीन वार्ड में मेडिकल स्टाफ की तरह घूमता रहा। जिला अस्पताल के विशेष चिकित्सा अधिकारी डॉ. खालिद रिजवान ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें सूचना मिली थी कि एक अज्ञात व्यक्ति वार्ड में डॉक्टर बनकर मौजूद है।


लोगों ने उसे पकड़कर पुलिस को सूचित किया। लिखित शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। डॉ. रिजवान ने लापरवाही के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि मृतक मरीज की हालत पहले से ही गंभीर थी। उन्होंने बताया कि मरीज को सांस लेने में कठिनाई हो रही थी और उसका ऑक्सीजन स्तर बहुत गिर गया था। उसे उचित उपचार दिया गया, लेकिन सभी प्रयासों के बावजूद उसकी मृत्यु हो गई।