बसंत पंचमी 2026: मां सरस्वती की पूजा का महत्व और तिथि
बसंत पंचमी का महत्व और तिथि
बसंत पंचमी 2026: माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि विद्या की देवी मां सरस्वती को समर्पित होती है। हर वर्ष इस दिन को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, जिसे बसंत पंचमी के नाम से जाना जाता है। यह त्योहार बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। छात्रों के लिए यह दिन विशेष महत्व रखता है। कहा जाता है कि मां सरस्वती की आराधना से व्यक्ति के जीवन में अज्ञानता का अंधकार समाप्त होता है और ज्ञान का प्रकाश हमेशा बना रहता है। आइए जानते हैं कि 2026 में बसंत पंचमी कब मनाई जाएगी और मां सरस्वती की पूजा विधि क्या है।
हर साल इसी तिथि को होती है सरस्वती पूजा
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को सरस्वती पूजन का आयोजन किया जाता है। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन मां शारदा की आराधना से विशेष फल प्राप्त होते हैं।
बसंत पंचमी 2026 का मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 23 जनवरी 2026 को सुबह 2:28 बजे शुरू होगी और 24 जनवरी को सुबह 1:46 बजे समाप्त होगी। इस प्रकार, नए साल में 23 जनवरी को सरस्वती पूजा का आयोजन होगा।
बसंत पंचमी के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7:13 बजे से शुरू होगा और दोपहर 12:33 बजे तक रहेगा। इस 5 घंटे 19 मिनट की अवधि में आप मां सरस्वती की पूजा कर सकते हैं।
बसंत पंचमी का महत्व
सनातन धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी दिन देवी सरस्वती का प्राकट्य हुआ था। मां शारदा के प्रकट होते ही संसार से अज्ञानता का अंधकार दूर हुआ। इस तिथि को ‘अबूझ मुहूर्त’ भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन शुभ कार्यों जैसे विवाह, मुंडन या गृह प्रवेश के लिए पंचांग देखना आवश्यक नहीं होता। इसका अर्थ है कि इस दिन बिना पंचांग देखे शुभ कार्य किए जा सकते हैं। छोटे बच्चों की शिक्षा की शुरुआत के लिए, यानी ‘अक्षर अभ्यास’ के लिए बसंत पंचमी को अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन बच्चों से पहला अक्षर लिखवाना उनके भविष्य के लिए शुभ फलदायी माना जाता है।