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बवासीर के लिए प्रभावी औषिधि: 7 दिन में राहत पाने का तरीका

बवासीर से राहत पाने के लिए एक प्रभावी औषिधि का नुस्खा प्रस्तुत किया गया है, जो केवल 7 दिन में असर दिखा सकता है। इस लेख में जानें कैसे बनाएं और सेवन करें। साथ ही, अरीठा (रीठा) के अन्य नाम और सेवन के दौरान क्या खाएं और क्या न खाएं, इसकी जानकारी भी दी गई है। यह घरेलू उपचार न केवल बवासीर बल्कि अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं में भी मददगार साबित हो सकता है।
 

बवासीर का उपचार


➡ बवासीर का 7 दिन में समाधान:


  • यह नुस्खा एक महात्मा से प्राप्त हुआ है, और 100 में से 90 मरीजों पर इसका प्रयोग सफल रहा है। आइए जानते हैं इस नुस्खे के बारे में।


➡ औषिधि बनाने की विधि:


  • अरीठे (रीठा) के फल से बीज निकालकर, शेष भाग को लोहे की कढ़ाई में डालकर तब तक गर्म करें जब तक वह कोयला न बन जाए। जब यह जलकर कोयले जैसा हो जाए, तब इसे आंच से उतारकर समान मात्रा में पपडिया कत्था मिलाकर छान लें। आपकी औषिधि तैयार है।


➡ औषिधि का सेवन कैसे करें:


  • इस औषिधि की एक रत्ती (125 मिलीग्राम) को मक्खन या मलाई के साथ सुबह-शाम सेवन करें। यह प्रक्रिया सात दिन तक जारी रखें।

  • सात दिन तक इस औषिधि का सेवन करने से कब्ज, बवासीर की खुजली, और खून बहने की समस्या में राहत मिलती है।

  • यदि आप इस रोग से स्थायी छुटकारा पाना चाहते हैं, तो हर छह महीने में इस कोर्स को दोहराएं।


➡ अरीठे (रीठा) के अन्य नाम:


  • संस्कृत: अरिष्ट, रक्तबीज, मागल्य
  • हिन्दी: रीठा, अरीठा
  • गुजराती: अरीठा
  • मराठी: रीठा
  • मारवाड़ी: अरीठो
  • पंजाबी: रेठा
  • कर्नाटक: कुकुटेकायि


➡ सेवन के दौरान परहेज़:


  • सात दिन तक नमक का सेवन न करें। देशी उपचार में पथ्य का विशेष ध्यान रखा जाता है।


➡ क्या खाएं:


  • मुंग, चने की दाल, पुराने चावल, बथुआ, करेला, कच्चा पपीता, गुड़, दूध, घी, काला नमक, सरसों का तेल आदि का सेवन करें।


➡ क्या न खाएं:


  • उड़द, धी, सेम, भारी और भुने पदार्थ, धूप या ताप से बचें।


➡ अरीठा (रीठा) के फायदे:


  • रीठा के फल में सैपोनिन, शर्करा और पेक्टिन होते हैं, जो कई रोगों में लाभकारी होते हैं।


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